शहर में स्वच्छ सर्वेक्षण का काम 80 फीसदी पूरा हुआ

Update: 2023-09-12 08:26 GMT

गाजियाबाद: स्वच्छ सर्वेक्षण-2023 का काम 80 फीसदी पूरा हो गया. नगर निगम फीडबैक के मामले में इस समय देश में दसवें नंबर पर है. वाटर प्लस और मुख्य सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है. अब सर्वे के लिए केवल एक टीम आएगी. टीम के एक सप्ताह में आने की उम्मीद है. नवंबर के पहले सप्ताह में स्वच्छ सर्वेक्षण का परिणाम घोषित हो सकता है.

स्वच्छ सर्वेक्षण दौरान निगम ने शहर में कई जगह ढलावघर खत्म किए. मुख्य सड़कों को कूड़ामुक्त कराया गया. स्वच्छ सर्वेक्षण से पहले निगम ने शहर में विभिन्न कार्य कराए. साफ-सफाई और कूड़े के प्रति लोगों को जागरूक किया. विभिन्न स्कूल और सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर काम किया. मुख्य सड़कों पर बने ढलावघर खत्म कराए. कई शौचालय का निर्माण कराया. केंद्र सरकार से नामित एजेंसी की दो टीम पिछले दिनों शहर में आई थी.

मुख्य सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है. वाटर प्लस का सर्वेक्षण भी पूरा कर लिया गया. टीम ने कुछ वार्डों का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान लोगों से निगम द्वारा दी जा रही सुविधाओं का फीडबैक लिया. फीडबैक के नंबर अलग से दिए जाएंगे. साथ ही साफ-सफाई देखी गई. कूड़ा उठान से लेकर निस्तारण की प्रक्रिया को जाना. हर वार्ड में कूड़ा उठाने के लिए गाड़ियां जा रही हैं या नहीं इस बारे में लोगों से पूछा गया. टीम स्वच्छ सर्वेक्षण कर लौट गई है.स्वच्छ सर्वेक्षण का काम 80 फीसदी पूरा हो गया है. एक टीम और आएगी.

फिलहाल गाजियाबाद फीडबैक के मामले में देश में नंबर दस पर है. वहीं बताया जा रहा है कि नवंबर के पहले सप्ताह में परिणाम आ सकता है. नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मिथिलेश कुमार ने दावा किया इस बार भी नगर निगम प्रदेश में नंबर एक पर रहेगा. देश की रैंकिंग में भी सुधार होगा.

निगम के पास खुद का डंपिंग ग्राउंड नहीं

निगम का गठन वर्ष 1995 में हुआ था, लेकिन कूड़ा निस्तारण के लिए निगम का खुद का डंपिंग ग्राउंड नहीं है. किराये पर जमीन लेकर कूड़े का निस्तारण कराया जाता है. कूड़ा अधिक होने के कारण डंपिंग ग्राउंड बंद करना पड़ जाता है. ऐसे में काफी परेशानी उठानी पड़ती है. डंपिंग ग्राउंड नहीं होने से कूड़ा उठान कई दिन तक नहीं हो पाता. यही वजह है कि देश की रैंकिंग में निगम की स्थिति सुधर नहीं रही है.

स्थिति लगातार सुधर रही

गाजियाबाद की स्वच्छ सर्वेक्षण में स्थिति लगातार सुधर रही है. वर्ष 2018 में देश में गाजियाबाद का 36वां स्थान था. वर्ष 2019 में देश में 19वां और प्रदेश में तीसरा स्थान रहा. वर्ष 2021 में देश में 18वां और प्रदेश में दूसरा स्थान रहा. वर्ष 2022 में देश में 12वां और प्रदेश में पहला था

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