UP के 6 नए मेडिकल कॉलेजों ने स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय से की अपील

Update: 2024-08-10 05:49 GMT
उत्‍तर प्रदेश Uttar Pradesh  :उत्‍तर प्रदेश के छह नये मेडिकल कॉलेजों ने भी मान्यता के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के समक्ष अपील दायर कर दी है। ऐसे में इन कॉलेजों को भी मान्यता मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर 13 में से सात नये मेडिकल कॉलेजों की मान्यता को एनएमसी पहले ही हरी झंडी दे चुका है। इसके अलावा कानपुर देहात व ललितपुर के मेडिकल कॉलेजों की सीटें भी 50 से 100 किए जाने के लिए अपील की गई है। यदि नये कॉलेजों को मान्यता और दो कॉलेजों में सीटें बढ़ जाती हैं तो प्रदेश में एमबीबीएस की 700 सीटें और बढ़ जाएंगी। प्रदेश में वन डिस्ट्रिक्ट, वन मेडिकल कॉलेज की मुहिम चल रही है। प्रदेश के सरकारी और 
Private Medical Colleges
 निजी मेडिकल कॉलेजों में इस समय कुल 10500 एमबीबीएस की सीटें हैं। यदि 700 सीटें और बढ़ीं तो यह संख्या 11200 हो जाएगी। डीजीएमई किंजल सिंह ने बताया कि प्रदेश के 6 जिले चंदौली, गोंडा, लखीमपुर खीरी, सोनभद्र, औरैया और कौशांबी के स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों की 100-100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति और कानपुर देहात, ललितपुर की 50-50 सीटों के स्थान पर 100-100 एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश की अनुमति के लिए केंद्रीय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष अपील की गई है। बर्खास्त होंगे ड्यूटी से लगातार गायब पीएमएस के 15 डॉक्टर
ड्यूटी में लापरवाही बरतने एवं लगातार गैरहाजिर रहने वाले 15 चिकित्सकों पर गाज गिरी है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इन सभी डॉक्टरों को बर्खास्त करने के निर्देश प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य को दिए हैं। इन चिकित्सकों में आगरा के डा. विवेक शाक्य, उरई जालौन की  Dr. Neeta Vermaडा. नीता वर्मा, इटावा के डा. समीर गुप्ता, अलीगढ़ के डा. अंकुर जैन, अंबेडकर नगर के डा. शाहीन खान, गोरखपुर के डा. ब्रिटिका प्रकाश, कुशीनगर की डा. आकृति, बांदा की कासिफ सिद्दीकी, प्रयागराज की डा. नेहा जायसवाल, हरदोई के डा. उपेंद्र सिंह, सीतापुर के डा. रोहित ऐलानी व डा. आशीष रंजन, गोंडा के डा. सोनल आनंद शामिल हैं। डिप्टी सीएम ने बताया कि ड्यूटी में लापरवाही बरतने को लेकर दस चिकित्सकों को आरोप पत्र दिया गया है। ब्रजेश पाठक ने बताया कि जिला महिला चिकित्सालय, रामपुर में कार्यरत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. विनीता चतुर्वेदी द्वारा मुख्यालय में न रहने, चिकित्सालय के रखरखाव में लापरवाही व अधीनस्थों पर प्रभारी नियंत्रण न रख पाने तथा मरीजों को सही प्रकार से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान न किए जाने का मामला संज्ञान में आया। इस मामले में सीएमओ की रिपोर्ट के क्रम में डा. विनीता को आरोप पत्र देकर इनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
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