कर्मचारियों के पीएफ क्लेम भुगतान पर 5000 कम्पनियों के लगाई रोक, ये रही वजह

भविष्यनिधि संगठन ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत उप्र में पंजीकृत पांच हजार कंपनियों के कर्मचारियों के पीएफ क्लेम भुगतान पर रोक लगा दी है।

Update: 2022-08-28 03:30 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भविष्यनिधि संगठन ने आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत उप्र में पंजीकृत पांच हजार कंपनियों के कर्मचारियों के पीएफ क्लेम भुगतान पर रोक लगा दी है। दो कंपनियों द्वारा फर्जी कर्मचारी प्रदर्शित कर उनके पीएफ क्लेम लेने व कई के संदिग्ध दावों के बाद यह कदम उठाया गया है।

विभाग के एक उच्चाधिकारी ने रोक लगाने की पुष्टि करते हुए कहा कि अब हर दावे की गहन छानबीन होगी। उससे पहले इन कंपनियों के पीएफ क्लेम का कोई भुगतान पहले की तरह सामान्य प्रक्रिया में नहीं होगा। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत कानपुर रीजन में 628 कम्पनियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से 35 संदेह के दायरे में हैं।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा
विभागीय सूत्रों के मुताबिक इसी वर्ष फरवरी से मई के बीच आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना के तहत पंजीकृत दो कंपनियों से 424 पीएफ एडवांस भुगतान के क्लेम प्रस्तुत किए गए। इनमें से कुल 37 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया। लगातार दावे बढ़े तो अधिकारियों को संदेह हुआ। एक अधिकारी ने बताया कि जिस रफ्तार से इन छोटी और नामालूम कंपनियों के कर्मियों के क्लेम आए, उस तरह तो बरसों से संचालित बड़ी कंपनियों के भी क्लेम नहीं आते। इस पर जांच की गई तो पता चला कि कुछ कंपनियों ने पीएफ खातों में भेजी गई सरकारी रकम हड़पने के लिए फर्जी कर्मचारी दर्शा रखे हैं। उन्हीं के नाम पर क्लेम पेश किए गए। बता दें कि इस योजना के तहत कोरोना काल में बनी कंपनियों के कर्मियों के पीएफ के दोनो शेयर केन्द्र सरकार दे रही है। यह योजना कोरोना के दौरान ठप हुई आर्थिक गतिविधियों को रफ्तार देने के लिए शुरू की गई थी। जिसमें जालसाजों की सेंध का यह पहला मामला सामने आया है।
घोटाले के तार झांसी से जुड़े
कानपुर रीजन में 35 कम्पनियों को संदिग्ध मानकर पीएफ विभाग ने जांच शुरू कर दी है। अभी तक जांच में सामने आया है कि फर्जी कम्पनी बनाने वाले ठेकेदारों का काकस झांसी में सक्रिय है। इसी काकस ने फर्जी कम्पनियां बनाकर योजना का लाभ लेने का खेल किया है। कानपुर में पकड़े गए खेल के बाद अब यूपी में सभी कम्पनियों की छानबीन की जाएगी। पीएफ बोर्ड के सदस्य सुखदेव प्रसाद मिश्र का कहना है कि इस मसले पर गहन जांच होगी तभी असलियत सामने आएगी। सभी के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी।
घूस में पकड़ा गया पीएफ इंस्पेक्टर कोलकाता अटैच
क्षेत्रीय भविष्य निधि कार्यालय सर्वोदय नगर में तीन लाख की घूस में पकड़े गए पीएफ इंस्पेक्टर (प्रवर्तन अधिकारी) अमित श्रीवास्तव के मामले में सीबीआई ने विवेचना शुरू कर दी है। विवेचना शुरू होते ही पीएफ विभाग ने उसका तबादला कोलकाता कार्यालय कर वहीं पर अटैच कर दिया है। सीबीआई ने विवेचना में सभी संबंधित पक्षों के बयान ले लिए है। उधर, सीबीआई कोर्ट ने जेल में बंद इंस्पेक्टर की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। चार महीने से जेल में बंद इंस्पेक्टर को आगे भी अभी भी रहना होगा। पीएफ इंस्पेक्टर के घूस मामले को सीबीआई पुराने मामले से जोड़ कर भी देख रही है, इसमें उसने सभी पहलुओं की जांच शुरू कर दी है। इसमें संबंधित अधिकारियों से पूर्व में बयान लिए जा चुके हैं लेकिन सीबीआई फिर से कुछ लोगों के बयान लेने की तैयारी कर रही है।
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