वाराणसी: जन्म या मृत्यु के एक साल बाद प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने पर लोगों को विभागों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के ऐसे आवेदन स्वीकार करने की व्यवस्था फिर बदलने से एक माह में 450 से अधिक आवेदन लंबित हो गए हैं.
नगर निगम और जिला प्रशासन के बीच बार-बार इन बदलावों का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है. नगर निगम के जोनल कार्यालयों और मुख्यालय में रोजाना कई लोग अपनी इन समस्याओं को लेकर पहुंच रहे हैं. पेंशन, स्कूल-कॉलेज में दाखिले, बीमा, बैंकों से जुड़े कार्यों में जरूरी इन प्रमाण पत्रों के समय से न बनने से लोगों में नाराजगी भी है. नगर निगम में जब आवेदक प्रमाण पत्र लेने पहुंच रहे हैं तो उन्हें सदर तहसील भेजा रहा है. सदर तहसील में स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा है और जांच के लिए नगर निगम में दस्तावेज भेजने की बात कहकर टाला जा रहा है.
करीब एक साल से जोनल कार्यालयों में ऐसे आवेदन लिये जा रहे थे. लेकिन नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने प्रावधानों के तहत मजिस्ट्रेट से जांच के नियम का हवाला देकर 15 अप्रैल से तहसील में आवेदन की व्यवस्था शुरू कर दी. इस व्यवस्था में भी आवेदन की प्रामाणिकता जांचने का काम नगर निगम ही करता है लेकिन दो विभागों के बीच समन्वय नहीं होने से दिक्कत आमजन को हो रही है.
नई व्यवस्था समझने में कर्मचारियों को दिक्कत आ रही थी लेकिन अब तेजी से काम हो रहा है. एक हफ्ते में सभी मामले निपट जाएंगे. -सार्थक अग्रवाल, एसडीएम सदर व प्राधिकारी मजिस्ट्रेट
जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्रों के लंबित आवेदनों के संबंध में एसडीएम सदर से बात करके समाधान निकाला जाएगा.
अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त