प्रतापगढ़ न्यूज़: दूषित पानी से होने वाली बीमारियों ने बच्चों को बेहाल कर दिया है. मेडिकल कॉलेज के महिला अस्पताल स्थित बाल रोग की ओपीडी में आने वाले बीमार बच्चों में 40 फीसदी तक बच्चे दूषित पानी की वजह से बीमार हुए हैं. डॉक्टर कह रहे हैं कि बच्चों को दूषित पानी दूर रखकर सफाई पर ध्यान दें तो अधिकांश मामलों में अस्पताल आने की नौबत ही नहीं आएगी.
बाल रोग की ओपीडी में कुल 107 बीमार बच्चे इलाज कराने आए. ओपीडी चला रहे डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि 107 में से 43 बच्चों के बीमार होने की वजह दूषित पानी रहा. ओपीडी में कई बच्चे तो ऐसे भी आए जो खाना खाने के पहले हाथ ही नहीं धुलते. रानीगंज से आए छह साल के लड़के की मां ने बताया कि खेल के दौरान वह तालाब का पानी मुंह में भरकर पानी की बौछार निकाल रहा था. डॉक्टर ने बताया कि गंदा पानी पीने से पेट दर्द, उल्टी, दस्त, बुखार, हेपेटाइटिस ए, पीलिया जैसी बीमारियों को मौका मिल रहा है. उनका दावा है कि यदि साफ पानी का इस्तेमाल और खाने से पहले हाथ से लेकर खाद्य सामग्री तक की सफाई पर ध्यान दिया जाए तो मरीजों की संख्या आधे से भी कम हो जाएगी.
बच्चों को गंदे पानी से बचाकर उन्हें बीमार होने से बचाया जा सकता है. ओपीडी में इलाज कराने आ रहे बच्चों में 40बच्चे गंदे पानी की वजह से बीमार मिल रहे हैं. बारिश में सफाई पर विशेष ध्यान देना जरूरी है. -डॉ. अनिल कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर बाल रोग
इलाज से बेहतर है पानी को शुद्ध करना:
1-यदि पानी फिल्टर किया हुआ नहीं है तो उसे उबाल लें.
2-पानी में फिटकरी डालकर सूती कपड़े से छान लें.
3-खाना पकाने व पीने में इस्तेमाल होने वाले पानी का टीडीएस चेक कराएं.
4-टीडीएस 300 से अधिक हो तो पानी को शोधित करने का इंतजाम करें.
तारीख कुल बीमार बच्चे दूषित पानी से बीमार:
3-6-23 107 43
2-6-23 110 42
1-6-23 106 40
31-5-23 96 37
30-5-23 108 42
29-5-23 111 44
27-5-23 92 35