हड्डी विभाग की ओपीडी में 40 को कमर और गर्दन दर्द

Update: 2023-08-14 08:50 GMT
उत्तरप्रदेश |  जिला अस्पताल के हड्डी रोग की ओपीडी में आने वाले 40 प्रतिशत मरीज कमर और गर्दन में दर्द का इलाज कराने आ रहे हैं. इसका कारण जीवनशैली में बदलाव को माना जा रहा है. युवा भी इस तरह की परेशानी से जूझ रहे हैं.
जिला अस्पताल में प्रतिदिन 350 मरीज हड्डी रोग विभाग में परामर्श के लिए आते हैं. इनमें से करीब 150 मरीज कमर, गर्दन सहित अन्य जोड़ों में दर्द का इलाज कराने पहुंच रहे हैं. इन मरीजों में से 20 से ज्यादा की उम्र 40 वर्ष से कम है.
जिला अस्पताल हड्डी रोग विभाग के प्रमुख डॉ. ब्रजेश सिंह ने बताया कि जीवनशैली में बदलाव के कारण इस तरह की परेशानी बढ़ी है. कोरोना महामारी के बाद भी इस तरह के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन कोरोना संक्रमण से इसका कितना जुड़ाव है यह स्पष्ट नहीं है.
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण इसका कारण नहीं माना जा सकता है. कमर और गर्दन में दर्द के साथ ही अन्य जोड़ों में दर्द के मरीजों में इजाफा हुआ है.
उन्होंने बताया कि इस परेशानी से पीड़ितों में युवा भी शामिल हैं. ऐसे लोगों को इलाज के साथ ही नियमित व्यायाम करने और जंक फूड से परहेज की सलाह भी दी जाती है. ताकि ऐसे मरीजों का बेहतर तरीके से इलाज हो सके. पिछले तीन-चार सालों से ऐसे मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
मोबाइल देखने से भी परेशानी मोबाइल देखने से भी गर्दन में दर्द की पेरशानी बढ़ रही है. कई लोग घंटों एक ही स्थिति में घंटों मोबाइल देखते रहते हैं. खासकर सोने के दौरान इस तरह की स्थिति ज्यादा है. ऐसे में गर्दन अकड़ने की दिक्कत आ रही है. वहीं कुर्सी पर बैठकर लगातार काम करने वाले लोगों को कमर में दर्द की परेशानी आ रही है. मोटापा भी ऐसी परेशानी का अहम कारण है. लिहाजा मोटापा कम कर ऐसी बीमारियों से बचा जा सकता है.
इस तरह से बचे
● हफ्ते में पांच दिन कम से कम 40 मिनट तक व्यायाम
● जॉगिंग करना भी फायदेमंद साबित होगा
● नियमित योग से भी इस तरह की परेशानी से बचा जा सकता है
● वजन को नियंत्रित रखें
● रात को हल्का भोजन करें
● खाना खाने के बाद कम से कम दस मिनट तक टहलें
● जंक फूड के सेवन से परहेज करें
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