रचित मर्डर केस मैं 3 गिरफ्तार, लूट के 2.16 लाख बरामद, 1000 सीसीटीवी और 200 हुए बरामत
थाना सेक्टर-58 पुलिस ने रचित की गोली मारकर हत्या करने व कैश लूटने वाले गैंग का पर्दाफाश करते हुए तीन बदमाशों को गिरफ्तार किया है। ये बदमाश आम नहीं बल्कि बहुत ही शातिर किस्म के हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से लूटे गए तीन लाख रुपए में से 2 लाख 16 हजार 420 रुपए, मोटरसाइकिल और अवैध हथियार बरामद किए है। रचित की हत्या 21 अप्रैल को हुई थी। डीसीपी हरीश चंदर ने बताया कि हत्यारोपी को पकड़ने के लिए 4 टीम लगाई गई थी। तकनीकी सर्विलांस, दुकान के आस-पड़ोस व घटना स्थल के आस पास लगे लगभग 1000 सीसीटीवी कैमरे चेक किए गए। 200 से ज्यादा संदिग्धों के मोबाइल डाटा एकत्र किए गए। लोकल इंटेलिजेंस के बाद साहिल उर्फ शहवाज, बिज्जी ऊर्फ विजय और आदी उर्फ दिव्यांशु को सीडैक कंपनी के पास सी ब्लाक सेक्टर 62 से गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने बताया कि पकड़ा गया दिव्यांशु मैकेनिकल इंजीनियरिंग का छात्र रहा है। इसके द्वारा दिल्ली में देह व्यापार का काम भी कराया जाता है। बिज्जी उर्फ विजय उर्फ ब्रिजेश नूहू मेवात का रहने वाला है। धारा 302 के मुकदमे में पैरोल पर बाहर है। शहबाज पहले डकैती के मुकदमे में जेल जा चुका है। गाजियाबाद के गैंगस्टर का मुलजिम है, पिछले 4 सालों से खोड़ा में रह रहा था। ये भी बताया गया कि बिज्जी दिल्ली में जुआ व सट्टा खेलने वालों से महीने की वसूली करता है। हत्या में प्रयोग की गई पिस्टल उसने उसने काफी पहले शेरनी उर्फ शकील से 40 हजार रुपए में खरीदी थी। शेरनी दिल्ली की किसी जेल में बंद है।
डीसीपी हरीश चंदर ने बताया बदमाश पैसे वाले व्यापारियों को चिह्न्ति कर पहले उनकी रेकी करते थे। इसके बाद उनसे लूटपाट करते थे। इन लोगों ने रचित को देखा। उसके कारोबार और आमदनी से वाकिफ थे। इसलिए लूट के लिए रचित को चिह्न्ति किया। 19 अप्रैल को मोटर साइकिल से रचित का दिब्यांशु और बिज्जी ने पीछा किया। रास्ता व गलियों की सही जानकारी नहीं थी इसलिए छोड़ दिया। दिव्यांशु और बिज्जी ने शाहवाज उर्फ साहिल से संपर्क किया। साहिल ने रचित के जाने का रास्ता, उसके घर का रास्ता दिखाया। साथ ही घटना करने के बाद भाग जाने का रास्ता भी साहिल ने ही दिखाया। रचित के बारे में भी साहिल ने सारी जानकारी रेकी करके दोनों को दी थी। उसने बताया था कि रचित डिस्पोजल सामान का व्यापारी है रोज लाखों रुपए के सेल होती है। इसे आराम से लूटा जा सकता है।
21 अप्रैल को रात साढ़े 10 बजे रचित की हत्या कर दी जाती है। इससे पहले साहिल ने रचित की रेकी की और जानकारी बिज्जी और दिव्यांशु को दी। रचित अपनी दुकान बंद करके जब दुकान की बिक्री का पैसा थैले में रखकर अपनी स्कूटी से अपने घर रजत विहार सेक्टर-62 जा रहा था। जैसे ही वह रजत विहार टी-पाइंट के पास पंहुचा। वही पर लगे फलुदा के ठेले से फलुदा खरीद रहा था। तभी बिज्जी और दिब्यांशु ने गोली मारकर रचित के पैसों का बैग लेकर भाग गए।