लखनऊ न्यूज़: स्वास्थ्य विभाग में दवाओं की खरीद में गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है. इसके चलते अफसरों ने सरकार को करीब 25 लाख का चूना लगाया है. प्रयागराज के भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग की रिपोर्ट में खुलासे के बाद ऑडिट टीम को दवा खरीद दस्तावेज देने के निर्देश दिए गए हैं.
सीएमओ के अधीन सामुदायिक, प्राथमिक, हेल्थ पोस्ट सेंटर व दूसरे अस्पतालों का संचालन हो रहा है. हर साल लाखों मरीज इन अस्पतालों में इलाज हासिल कर रहे हैं.
खरीद नियमों की अनदेखी
मरीजों को मुफ्त जांच और दवाएं मुहैया कराने का प्रावधान है. दवाओं के लिए राज्य सरकार बजट देती है. एनएचएम से भी मिलता है. एनएचएम दवाओं का बजट ड्रग कारपोरेशन भेजता है. वहां से सीएमओ को जाती हैं. सीएमओ भी खरीद-फरोख्त करते हैं. 2019 से जनवरी 2023 के बीच खरीद में नियमों की अनदेखी से 25 लाख क्षति हुई है.