मोटे मुनाफे का लालच देकर व्यापारियों से 15 करोड़ ठगे

ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 17 स्थित सुपरटेक अपकाउंट्री से दो विदेशी नागरिकों को पकड़ा

Update: 2024-04-16 04:47 GMT

उत्तरप्रदेश: साइबर थाना पुलिस ने करोड़ों की साइबर ठगी में ग्रेटर नोएडा के सेक्टर 17 स्थित सुपरटेक अपकाउंट्री से दो विदेशी नागरिकों को पकड़ा. आरोपित अफ्रीकी मूल के कैमरून देश के निवासी हैं. आरोपियों के पास एक ऑडी कार, तीन आईफोन, लैपटॉप, रिफ्यूजी कार्ड आदि सामान मिला. साइबर ठग फर्जी वेबसाइट बनाकर व्यापारियों को सस्ता माल देने का झांसा देकर जाल में फंसाते थे. पुलिस का दावा है कि आरोपित करीब 15 करोड़ की ठगी कर चुके हैं. उनके खातों में पिछले 15 दिन में 50 लाख से अधिक का लेनदेन हुआ है.

एसीपी हरीपर्वत आदित्य ने बताया कि नौ फरवरी 2024 को फतेहाबाद के राजीव पालीवाल ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया. बताया कि वह एग्रीकल्चर प्रोडक्ट और खाद, उर्वरक के व्यापारी हैं. उन्हें कारोबार के लिए जूट बैग (बोरों) की जरूरत थी. गूगल पर सर्च करने पर उन्हें भीमराज इंडस्ट्रीज के नाम से रजिस्टर्ड वेबसाइट मिली. जो नागालैंड के पते पर रजिस्टर्ड थी. उसमें ईमेल आईडी, जीएसटी नंबर आदि पड़ा हुआ था. दिए नंबर पर संपर्क किया. वार्ता शुरू हुई. उन्होंने 3.80 लाख बोरों का ऑर्डर दिया. इसकी कीमत 4.52 लाख रुपये थी. आरोपियों ने उनसे ट्रांसपोर्ट का भाड़ा और अन्य शुल्क के रूप में 2.26 लाख रुपये और लिए. 96900 रुपये यह बताकर लिए यह रकम वापस की जाती है. उन्हें एक ट्रक नंबर दिया. उसे ट्रैक किया. जब माल नहीं आया तो पता चला कि उनके साथ ठगी हुई है. पीड़ित ने मुकदमा लिखाया. साइबर ठगों ने सस्ते बोरे दिलाने का झांसा देकर उनसे करीब 8 लाख रुपये ठगे थे. साइबर थाना पुलिस ने जांच शुरू की. साक्ष्य संकलन के बाद ग्रेटर नोएडा में दबिश दी गई.

इनकी हुई गिरफ्तारी एसीपी हरीपर्वत आदित्य ने बताया कि अकुम्बे बोमा व माइकिल बूनेवा को पकड़ा. दोनों मूलत कैमरून देश के निवासी हैं. दोनों को यूएन से रिफ्यूजी कार्ड मिला हुआ है. माइकिल बूनेवा करीब तीन साल पहले और अकुम्बे बोमा छह माह पहले भारत आया था. आरोपियों ने अपने कई साथियों के नाम और अपराध का तरीका बताया है. उनके साथियों के खिलाफ साक्ष्य संकलित किए जा रहे हैं. आरोपित छात्र बनकर रह रहे थे. अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया था. साइबर ठगी कर रहे थे.

हिंदी में करते थे चेट पुलिस ने बताया कि आरोपित हिंदी भी जानते हैं. वे खुद ही जाल में फंसे व्यापारियों से व्हाट्सएप पर चेट किया करते थे. चेट में हिंदी भी लिखते थे. पुलिस ने तीन मोबाइल जब्त किए हैं. उनमें व्हाट्स एप चेट भी मिली है

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