146 करोड़ उड़ाए, महाप्रबंधक समेत 10 अफसर निलंबित, पूर्व बैंक प्रबंधक हिरासत में
यूपी कोऑपरेटिव बैंक के लखनऊ स्थित मुख्यालय से कर्मचारियों की मिलीभगत से जालसाजों ने 146 करोड़ रुपये उड़ा दिए। यह रकम पूर्व बैंक प्रबंधक आरएस दुबे ने अपने एक साथी की मदद से प्रबंधक व कैशियर की यूजर आईडी व पासवर्ड हासिल कर ट्रांसफर की। इस मामले में मंगलवार को महाप्रबंधक समेत 10 अफसरों व कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मुख्य आरोपी आरएस दुबे, सुरक्षा गार्ड शैलेंद्र कुमार को हिरासत में लिया गया है। पूरी रकम को फ्रीज कर दिया गया है।
महाप्रबंधक वीएन मिश्रा के अनुसार यह रकम 15 अक्तूबर को दोपहर तीन बजे जिला सहकारी बैंकों के सात खातों से आठ बार में ट्रांसफर किया गया। इसमें से 72 करोड़ रुपये आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक लखनऊ के खातों में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर किए गए। 16 अक्तूबर को साइबर क्राइम थाने में इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई गई। साइबर थाने व साइबर मुख्यालय की टीम की पड़ताल में मामला खुल गया। डीआईजी साइबर क्राइम मुख्यालय एन कोलांची ने बैंक का निरीक्षण कर अफसरों व कर्मचारियों से पूछताछ की। दोपहर बाद कई संदिग्धों और कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। महाप्रबंधक ने बताया कि मामले की विभागीय जांच शुरू हो गई है। सुरक्षा एजेंसी मेसर्स स्टैंडर्ड-वे इंटेलीजेंस सिक्योरिटी सर्विसेज प्रा. लि. को काली सूची में डालने की कार्यवाही की जा रही है। बैंक की आईटी सेल के प्रभारी अतुल कुमार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
बैंक कर्मी की आईडी से ट्रांसफर हुई रकम
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि रकम बैंक कर्मचारी विकास पांडेय और प्रबंधक मेवालाल की आईडी से ट्रांसफर किया गया। हालांकि इन लोगों ने इस तरह से पैसे के लेन-देन से इनकार किया है।
ये निलंबित
अशोक कुमार, महाप्रबंधक (एनएडी)
केडी पाठक, महाप्रबंधक (वित्त)
राजनाथ सिंह, उप महाप्रबंधक (एनएडी)
ध्रुवराज, सेक्शन ऑफिसर
विवेक सिंह, सहायक महाप्रबंधक (वित्त)
मेवालाल, प्रबंधक (एनएडी)
अजय कुमार, सहायक प्रबंधक (आरटीजीएस सेल)
विकास पांडेय, सहायक/कैशियर
विजय बहादुर मौर्य, गार्ड