कोऑपरेटिव बैंक फ्रॉड मामले में 146 करोड़ का घोटाला, जालसाज गिरफ्तार

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Update: 2022-10-26 09:30 GMT
लखनऊ। यूपी कोऑपरेटिव बैंक फ्रॉड मामले में 25 हजार का इनामी साइबर एक्सपर्ट को भी गिरफ्तार किया गया है. 146 करोड रुपए की जालसाजी मामले में 3 और आरोपियों की तलाश में लगातार छापेमारी जारी है. हजरतगंज स्थित उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक से 146 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहे साइबर विशेषज्ञ सतीश कुमार को भी साइबर क्राइम थाने की टीम ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया. सतीश पर दो दिन पहले ही 25 हजार रुपए इनाम घोषित किया गया था. इस मामले में कुछ और लोग भी रडार पर है. एसपी साइबर क्राइम त्रिवेणी सिंह के मुताबिक सतीश मूल रूप से काकोरी के कर्झन गांव का है.
सर्विलांस से उसके इंजीनियरिंग कालेज चौराहे के पास होने की जानकारी मिली थी. इस पर ही साइबर क्राइम टीम के प्रभारी मो. मुस्लिम खां ने टीम के साथ उसे घेराबंदी कर पकड़ लिया था. बैंक के जालसाजी करने के मामले में सतीश की अहम भूमिका रही थी. वह साइबर क्राइम की अच्छी जानकारी रखता है. उसके साथ गिरोह में दोस्त ज्ञानदेव पाल, उमेश गिरी और रवि वर्मा भी शामिल थे. ये तीन लोग अभी हाथ नहीं लगे हैं. इस मामले में मुख्य आरोपित पूर्व बैंक मैनेजर आरएस दुबे और बिल्डर गंगा सागर चौहान को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. ये दोनों लोग जेल में है.
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