हत्या के दोषी 14 लोगों को उम्रकैद, फसल को लेकर हुए विवाद में मारी गई थी गोली
वाराणसी/चंदौली। चंदौली लजिले में किसान की गोली मारकर हत्या के 29 साल पुराने मामले में विशेष न्यायाधीश एससी-एसटी कोर्ट ने 14 लोगों को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ दी 30-30 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। चंदौली जिले के बबुरी थाना के डहिया गांव में विवाद के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
विशेष लोक अभियोजक सत्येंद्र कुमार सिन्हा के अनुसार चंदौली जिले के बबुरी थाना के डहिया गांव निवासी रामनिहोर ने 19 दिसंबर 1994 को पुलिस को प्रार्थना पत्र दिया था। प्रार्थना पत्र के अनुसार, उसका 10 वर्षीय बालक अशोक सुबह आठ बजे सामान लेने दुकान पर गया था। वहां मौजूद अभियुक्त कमलेश ने उससे कहा कि तुम हमारे खेत से धान चुराकर अपने दरवाजे पर रखे हो। इसके साथ ही वह अशोक को मारने लगा। इसकी शिकायत अशोक ने घर आकर पिता से की। इस पर रामनिहोर और उसके साथ चार लोग मारपीट की शिकायत करने कमलेश के खेत पर गए। खेत में मौजूद लालजी व विमलेश उन्हें गाली देने लगे। उसी दौरान रामकुमार, कमलेश, दशरथ और जसवंत हाथ में कट्टा लेकर ललकारते हुए उसे दौड़ा लिए तो भाग कर सभी अपने दरवाजे पहुंच गए।
उसी समय रामकुमार ने बंदूक से फायर किया जो लाल बहादुर को लगी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। उसके बाद कमलेश, दशरथ, व जसवंत तमंचा से लालजी को भी गोली मारकर जख्मी कर दिए। रामनिहोर के अनुसार जब वह लोग लाल बहादुर के शव के पास जाना चाहे तो अन्य अभियुक्त हाथ में लाठी-डंडा और गड़ासा लेकर ललकारते हुए उन लोगों को दौड़ा लिए। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने कार्रवाई करते हुए शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। अदालत ने दोषी कमलेश मौर्य, परमानंद मौर्य, दशरथ मौर्य, यशवंत मौर्य, रामप्यारे मौर्य, बंशीनाथ मौर्य, महेंद्र मौर्य, मिश्रीलाल, यशवंत सिंह, रामभजन मौर्य, गुरु नारायण मौर्य, बलवंत मौर्य, विमलेश मौर्य और नामवर मौर्य को उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं, इसी प्रकरण से जुड़े मारपीट के क्रॉस मुकदमे में अदालत ने 10 अभियुक्तों लालजी, बचाऊ, राजकुमार, रामआसरे, घनश्याम, विद्यासागर, बचनू राम, शिवशंकर, दूधनाथ और श्यामलाल को तीन वर्ष के कारावास और सात-सात हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।