1.10 लाख टन कूड़े का हो चुका है निस्तारण, हट जाएगा कचरे का पहाड़

Update: 2022-09-30 18:14 GMT

लंबे समय से नरकीय जिंदगी जी रहे बाकरगंज में रहने वाले लोगों को जल्द ही कचरों के पहाड़ से निजात मिलने वाली है। नगर निगम के कूड़ा निस्तारण प्लांट में आठ माह से शुरू हुए काम अब लोगों को दिखने लगा है।

ग्रीनस एनर्जी एंड सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बाकरगंज में शहर के कूड़े का निस्तारण किया जा रहा है। इस कूड़े से चार तरह का मटेरियल निकल रहा है। जिसमें खाद युक्त मिट्टी, इनर्ट ( कंकड़,मिट्टी),ईट का रोड़ा, आरटीएफ (पलास्टिक) निकाल कर अलग किया जा रहा है। बाकरगंज में 5.75 लाख टन कूड़े में से अब तक 1.10 लाख टन कूड़े का निस्तारण किया जा चुका है।

ग्रीनस एनर्जी एंड सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजर शुभम् श्रोत्रिय ने बताया उन्हें अभी दो साल लग जायेंगे कूड़े का पूरी तरह निस्तारण करने में। अभी तक जगह का अभाव था लेकिन अब पर्याप्त मात्रा में जगह है।नगर निगम अगर प्रोजेक्ट को बड़ा कर दे तो एक साल के अंदर बाकरगंज से कूड़े का पहाड़ खत्म हो जाएगा। वह दिन रात काम करा कर एक दिन में 450 मीट्रिक टन प्रतिदिन कूड़े का निस्तारण कर रहे हैं।

इस तरह से हो रहा काम

सबसे पहले कूड़ा निस्तारण के लिए पहाड़ के कुछ हिस्से को काट दिया जाता है।उसके बाद उसके ऑर्गेनिक मटेरियल को डिकंपोज किया जाता है।उस पर वायो केमिकल का छिड़काव किया जाता है। कूड़े को फिर निस्तारण के लिए मशीनों पर ले जाया जाता है। एप्रोन मशीन से ले जाने के बाद कूड़े को ट्रोमर मशीनों व वेलिस्टिक सेपरेटर मशीन से पृथक किया जाता है।

45 लोगों का इस्टाफ़ कर रहा दिन रात काम

कूड़े के पहाड़ आए निजात दिलाने के लिए युद्ध स्तर से काम किया जा रहा है। वाहन चालक से लेकर मशीन ऑपरेटरो को मिला कर लगभग 45 कर्मचारी इस काम को कर रहे है। उनकी इस महनत का असर देखने को मिलने लगा है।वहां रहने वाले। लोगों ने बताया वह कई साल से कचरे के कारण नरकीय जिंदगी जी रहे थे। लेकिन अब उन्हें उम्मीद है कि कूड़े का निस्तारण हो जाएगा।

न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar

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