गन्ना समिति की जमीन बेचने वाले 100 किसानों पर चलेगा मुकदमा

Update: 2022-10-14 17:51 GMT
गन्ना समिति को 1958 में लोगों ने जमीन देकर मुआवजा ले लिया, उसके बाद उन्होंने जमीन को अन्य लोगों को बेच भी दिया । जबकि जमीन आज भी गन्ना समिति के नाम खतौनी पर दर्ज है। अब कब्जा छुड़ाने की प्रक्रिया में सभी कब्जदारों को नोटिस भेजकर किराया वसूली कर एसडीएम न्यायालय पर जमीन हथियाने वाले करीब 100 लोगों पर मुकदमा चलाया जाएगा।
जिसके लिए डीएम अविनाश कुमार ने गन्ना समिति व चीनी मिल से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रक्रिया में तेजी लाने के आवश्यक दिशा निर्देश दिए है।जिसकी सूचना से जमीन कब्जे दारों में हड़कंप मच गया है।शहर की शुगर मिल के पास करीब 17 बीघा जमीन पर सहकारी गन्ना समिति बनाने के लिए जमीन मालिक और सरकार से 1952-53 में समझौता हुआ था।
मुआवजा लेने के बाद किसानों ने 1958 में गाटा संख्या 2098 को गन्ना समिति बाराबंकी के नाम जमीन बैनामा कर दी गई। इस मामले में किसानों ने मुआवजा तो सरकार से ले लिया लेकिन चुपके से जमीन बेच दी गई। 44 वर्ष बीत गए मगर सहकारी गन्ना समिति को आज तक कब्जा नहीं मिला। कई बार नोटिस दी गई। लेकिन कोई असर नही हुआ। जिसे लेकर गन्ना आयुक्त ने भी सख्त रुख अपनाते हुए मुकदमा चलाने के निर्देश दे दिए हैं
। साथ ही तहसील प्रशासन इन अवैध रूप से कब्जा करने वालों से अब तक का सरकारी दर के हिसाब से किराया भी वसूल करेगी । ज्ञात हो कि सहकारी गन्ना समिति दुकान और घर बनाकर उसे किराए पर भी दिया करती थी। अब गन्ना विभाग उसी अनुसार किराए का निर्धारण कर की वसूली करेगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकारी दर के हिसाब के एक-एक अवैध कब्जेदारों पर 40 से 50 लाख रुपए तक किराया निकलेगा। ऐसे में सौ लोगों से लगभग 50 करोड़ रुपए की वसूली होगी।

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