विभिन्न विषयों से जुड़े 100 विशेषज्ञों को हटा दिया गया

Update: 2023-07-04 10:00 GMT

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने 100 जानकारों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है. जानकारों के विरूद्ध सालभर के अंदर यह दूसरी बड़ी कार्रवाई है. इससे पहले आयोग ने 22 अगस्त 2022 को लगभग 80 विषय जानकारों को अपने पैनल से बाहर कर दिया था. गुणवत्तापूर्ण कार्य न करने वाले जानकारों पर कार्रवाई करते हुए आयोग के परीक्षा नियंत्रक अजय कुमार तिवारी ने साफ किया है कि आगे भी समीक्षा जारी रहेगी.

परीक्षा नियंत्रक की ओर से सोमवार को जारी विज्ञप्ति के मुताबिक आयोग द्वारा परीक्षा प्रक्रिया में शुचितापूर्ण एवं गुणवत्तापूर्ण सुधार लाने के उद्देश्य से विभिन्न विषयों से सम्बन्धित जानकारों की सूची की समीक्षा की गई और गुणवत्तापूर्ण कार्य न करने वाले जानकारों को चिह्नित किया गया.

विभिन्न विषयों से संबंधित 100 जानकारों को आयोग के सीक्रेट कार्यों से विरत किया गया है. जानकारों की गुणवत्ता की समीक्षा अनवरत चलती रहेगी और समीक्षा के दौरान उनकी गुणवत्ता यथा मूल्यांकन और प्रश्नपत्रों का निर्माण आदि में कोई कमी पाई जाती है तो भविष्य में उनको आयोग के पैनल से विरत किया जाएगा.

देशभर से जानकारों को आमंत्रित करता है आयोग

आयोग अपनी भर्ती परीक्षाओं को गुणवत्तापूर्ण ढंग से समापन कराने के लिए देशभर से विभिन्न विषय जानकारों को अपने पैनल में शामिल करता है. इसके लिए समय-समय पर औनलाइन आवेदन लिए जाते हैं. इनकी सेवाएं प्रश्नपत्र बनाने, मॉडरेशन, उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन और इंटरव्यू आदि कार्यों में ली जाती है. समय-समय पर इनके कार्यों की समीक्षा भी होती है. पिछले कुछ सालों में प्रश्नों को लेकर टकराव होने के बाद प्रतियोगी विद्यार्थियों ने गलत प्रश्न पूछने वाले जानकारों को बाहर करने की मांग की थी.

गुणवत्ता परखने को बढ़ाया साक्षात्कार बोर्ड का दायरा

परीक्षा प्रक्रिया को और भी अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए यूपीपीएससी ने अपने पैनल में राष्ट्र के विशिष्ट जानकारों को शामिल किया है. जानकारों के पैनल को भी विस्तार देने का कोशिश किया जा रहा है. आयोग ने कुछ समय से पीसीएस के इंटरव्यू में अहमियत के तौर पर विश्वविद्यालयों के कुलपति, पूर्व न्यायाधीश, कार्यरत और पूर्व आईएएस-आईपीएस, सेना में ब्रिगेडियर से ऊपर के अधिकारी, वरिष्ठ वैज्ञानिकों और केंद्र गवर्नमेंट में क्लास वन ऑफिसरों को बुलाना प्रारम्भ किया है. पहले केवल विषय जानकार (बड़े संस्थानों के प्रोफेसर) के साथ कार्यरत और पूर्व आईएएस-आईपीएस को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता था.

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