Tripura News: लेमन ग्रास व्यवसाय पर पहले हंसते थे लोग, फिर मिली सफलता, अब हो रही तारीफ

त्रिपुरा न्यूज

Update: 2022-04-08 06:32 GMT
त्रिपुरा सरकार के पदाधिकारियों की एक टीम गांडेय पहुंची। इस टीम ने जोहार परियोजना व एनआरएलएम परियोजना से स्थापित विभिन्न इकाइयों का निरीक्षण किया। टीम सबसे पहले गांडेय पीएचसी भवन में स्थापित लेमन ग्रास प्रोसेसिंग यूनिट देखने पहुंची। पदाधिकारियों ने मशीन के माध्यम से लेमन ग्रास से तेल निकालने की पूरी प्रक्रिया, लागत, मुनाफा, बाजार आदि के बारे में जाना। इस परिसर में लगी नैपकिन प्रोडक्शन यूनिट का निरीक्षण किया। यहां से जानकारी लेकर सरकारी अधिकारी त्रिपुरा में भी लेमन ग्रास की खेती कवराएंगे।
आटोमेटिक मशीन की सहायता से दीदियों की ओर से बनाए जा रहे नैपकिन की गुणवत्ता, पैकेजिंग, लाभ, बाजार आदि की विस्तृत जानकारी ली। टीम ने पलाश मार्ट में समूह की ओर से बने उत्पाद ढेकी का चावल, आटा, साबुन व जोहार एग्रीमार्ट में किसानों के लिए कम लागत में बिक रहे बीज, दवा व कृषि यंत्रों के बारे में पूरी जानकारी लिया। साथ ही संचालक से आय-व्यय की जानकारी ली।
जोहार परियोजना से जुड़ी सफल महिलाओं ने टीम को सुनाई सफलता की कहानी सुनाई। गांडेय में उत्पादक समूह की विभिन्न योजनाओं की महिलाओं ने टीम को शुरुआत से लेकर सफलता की हर स्टेप की जानकारी दी। सलीमा खातून व लाड़ली परवीन ने मदर यूनिट व्यवसाय से जुड़कर आय कमाने के बारे बताया। वहीं कंचन देवी ने बकरी पालन, देवंती देवी व शिला देवी ने लेमन ग्रास की खेती, सरिता मरांडी ने मुर्गी घर से हो रहे आय के बारे में बताया।
महिला लाभार्थियों ने बताया कि शुरुआत में लोग उनके व्यवसाय पर हंसते थे। परंतु अब उन्हें देखकर गांव के अन्य लोग प्रेरित हो रहे हैं। समूह के अलावा गांव की महिलाएं भी व्यवसाय से जुड़कर स्वावलंबी बन रही है। त्रिपुरा से आये पदाधिकारियों की टीम ग्रामीण महिलाओं की सफलता की कहानी सुन काफी उत्साहित होकर ताली बजाते दिखी।
टीम में शामिल पदाधिकारी कृषि विभाग के संयुक्त सचिव मनोज कांति डेबारमा ने बताया कि गांडेय प्रखंड में जोहार परियोजना से संचालित योजनाएं महिलाओं के लिए कारगर साबित हुई है। यहां बंजर जमीन में लेमन ग्रास की खेती कर महिलाएं आय कमा रही है। बिना किसी सिंचाई के बंजर जमीन के लिए यह उपयोगी पौधा है। त्रिपुरा के जंगल में लेमन ग्रास उगते हैं। परंतु उनका व्यावसायिक स्तर पर उपयोग नहीं हो रहा है। अब गांडेय की तर्ज पर त्रिपुरा में भी लेमन ग्रास की खेती कर तेल का व्यवसाय करने पर विचार किया जाएगा। साथ ही इस तरह के अन्य पौधों पर भी व्यवसायीकरण पर कार्य किया जाएगा।
त्रिपुरा की टीम में डिपार्टमेंट आफ ट्राइबल वेलफेयर रिसर्च के संयुक्त सचिव बनलाल डिका डार्लोंग, सीनियर रिसर्च सुकांता पाल, कृषि विभाग के संयुक्त सचिव मनोज कांति डेबारमा, काशीनाथ दास, दीपमाला राय, जस्मिन डेबरामा, अमिताव राय चौधरी शामिल थे। इस मौके पर जेएसएलपीएस राज्य टीम से रंजीत गुप्ता, दिनेश सोरेन, जिला से बीपीएम संजय गुप्ता, सत्यवीर सिंह, गांडेय के बीपीओ सुनील वैराग्य, पंकज कुमार, रामचन्द्र कुमार, सुशीला हेम्ब्रम, राकेश टुडू, दशरथ दास, तैयबा खान, लीलो दास, राजकुमार राज, रजनीश तुरी, सुचिता तिग्गा फरीद अंसारी आदि शामिल थे।
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