त्रिपुरा हिंसा मामले में दो महिला पत्रकारों को मजिस्ट्रेट अदालत ने दी जमानत

त्रिपुरा में हालिया सांप्रदायिक घटनाओं के सिलसिले में सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट को लेकर गिरफ्तार की गईं.

Update: 2021-11-15 15:13 GMT

त्रिपुरा में हालिया सांप्रदायिक घटनाओं के सिलसिले में सोशल मीडिया पर अपने पोस्ट को लेकर गिरफ्तार की गईं। दो महिला पत्रकारों को एक मजिस्ट्रेट अदालत ने सोमवार को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक समर्थक की शिकायत पर रविवार को त्रिपुरा के फतिक्रॉय पुलिस थाने में एक प्राथमिकी में एक न्यूज चैनल की समृद्धि सकुनिया (Sammriddhi Sakunia) और स्वर्णा झा (Swarna Jha) को नामजद किया गया था. न्यायिक मजिस्ट्रेट शुभ्रा नाथ ने कोर्ट में उन्हें पेश किए जाने पर जमानत दे दी. दोनों पत्रकारों को रविवार को असम के करीमगंज में हिरासत में लिया गया था और उन्हें राजधानी अगरतला से करीब 50 किमी दूर उदयपुर स्थित मजिस्ट्रेट अदालत में पेश करने के लिए ट्रांजिट रिमांड पर त्रिपुरा लाया गया था.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पुलिस के एक्शन की आलोचना करते हुए कहा था कि महिला पत्रकारों को तुरंत रिहा कर उन्हें यात्रा करने की स्वतंत्रता को बहाल किया जाना चाहिए. इससे पहले पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को अगरतला में कहा था कि पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि गोमती जिले में एक मस्जिद जला दी गई है और कुरान की एक प्रति की बेअदबी की गई है.
त्रिपुरा पुलिस को संदेह है कि उनके द्वारा अपलोड किये गये वीडियो में तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है. सकुनिया ने 11 नवंबर को एक ट्वीट में लिखा था, 'त्रिपुरा हिंसा दरगा बाजार: 19 अक्टूबर को रात करीब ढाई बजे, कुछ अज्ञात लोगों ने दरगा बाजार इलाके में मस्जिद जला दी. आस पड़ोस के लोग इस बात से बहुत परेशान हैं कि उनके पास नमाज अदा करने के लिए नजदीक में कोई जगह नहीं है.' त्रिपुरा पुलिस प्रमुख वी एस यादव ने दावा किया गया है कि सकुनिया द्वारा किए गए पोस्ट सही नहीं थे और इसने समुदायों के बीच नफरत की भावना को बढ़ावा दिया.
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