तमिलनाडु: स्टरलाइट की इकाई ध्वस्त करने संबंधी याचिका पर उच्च न्यायालय का नोटिस जारी

मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को उस जनहित याचिका पर एक महीने का नोटिस जारी करने का आदेश दिया।

Update: 2022-04-19 15:56 GMT

चेन्नई,  मद्रास उच्च न्यायालय ने मंगलवार को तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को उस जनहित याचिका पर एक महीने का नोटिस जारी करने का आदेश दिया, जिसमें राज्य के थूथुकुडी जिले में स्टरलाइट की तांबा गलाने वाली इकाई को ध्वस्त करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम. एन. भंडारी और न्यायमूर्ति डी. भरत चक्रवर्ती की प्रथम पीठ ने स्टरलाइट पीपुल्स मूवमेंट (एएसएम) की संयोजक फातिमा की जनहित याचिका पर बोर्ड को नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
सेवानिवृत्त प्रोफेसर फातिमा की याचिका में संयंत्र को ध्वस्त करने और मिट्टी व भूजल के शोधन के लिए उपचारात्मक उपाय करने का निर्देश जाने का भी आग्रह किया गया है जो दशकों से इकाई के तांबे के कथित कचरे के कारण दूषित हो गए हैं।
याचिकाकर्ता के अनुसार, तमिलनाडु सरकार ने वेदांत समूह की तांबा गलाने वाली इकाई को 28 मई, 2018 को प्रदूषण के आधार पर बंद कर दिया था। यद्यपि राज्य सरकार द्वारा इकाई को तीन साल से अधिक समय पहले बंद कर दिया गया था, लेकिन आज तक क्षेत्र को पहले जैसा बनाने और पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। याचिका में कहा गया है कि इस तरह के कदम पूरे ढांचे को गिराने या नष्ट करने के बाद ही उठाए जा सकते हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि वह चाहती हैं कि अदालत सरकार और तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (टीएनपीसीबी) को निर्देश दे कि वह फैक्टरी में विभिन्न खतरनाक प्रतिष्ठानों के कारण होने वाले प्रदूषण का आकलन करने के लिए तत्काल कदम उठाए।


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