तमिलनाडु: कच्चाथीवु त्योहार मामले में अन्नाद्रमुक ने केन्द्र से हस्तक्षेप करने को कहा
तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) संयोजक ओ पन्नीरसेल्वम ने श्रीलंका के सेंट एंथोनी द्वीप पर प्रस्तावित कच्चाथीवु त्योहार में भारतीय श्रद्धालुओं को इसमें शामिल नहीं किए
चेन्नई: तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) संयोजक ओ पन्नीरसेल्वम ने श्रीलंका के सेंट एंथोनी द्वीप पर प्रस्तावित कच्चाथीवु त्योहार में भारतीय श्रद्धालुओं को इसमें शामिल नहीं किए जाने के विषय पर विदेश मंत्री एस जयशंकर से हस्तक्षेप करने की मांग की है।
पन्नीरसेल्वम ने शनिवार को एक पत्र में कहा कि इस तरह की रिपोर्टें मिली है कि यह त्योहार 11 और 12 मार्च को आयोजित किया जाएगा और श्रीलंका सरकार ने इसमें तमिलनाडु के मछुआरों को शामिल नहीं करने का निणर्य लिया है। इससे पहले इसमें श्रीलंका तथा भारतीय मछुआरे हिस्सा लेते थे।
उन्होंने कहा कि श्रीलंका सरकार ने सुरक्षा और कोविड महामारी सहित कई कारणों का हवाला देते हुए तमिलनाडु के श्रद्धालुओं की भागीदारी के बिना इस त्योहार को आयोजित करने का निर्णय लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने जयशंकर को लिखे एक पत्र में उल्लेख किया कि तमिलनाडु के तटीय जिलों के मछुआरों ने पारंपरिक रूप से इससे पहले सेंट एंथोनी चर्च, कच्चाथीवु की यात्रा की है। उन्होंने विदेश मंत्री से इस मामले को तुरंत सुलझाने का अनुरोध किया है।
पनीरसेल्वम ने कहा कि इससे राज्य के तटीय इलाकों के श्रद्धालुओं में भारी निराशा है। कच्चाथीवु द्वीप के पास अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करने के मामले में तमिलनाडु के मछुआरों को श्रीलंकाई नौसेना द्वारा गिरफ्तार करने की वजह से कच्चाथीवु एक विवादास्पद मुद्दा रहा है। इससे पहले तमिलनाडु के मछुआरों को गिरफ्तार कर तथा कई अन्य के मछली पकड़ने के जहाजों को जब्त करने के बाद उन्हें श्रीलंका की जेलों में बंद कर दिया गया था।