मद्रास HC के फैसले को चुनौती

Update: 2023-07-19 05:16 GMT

तमिलनाडु के मंत्री वी सेंथिल बालाजी और उनकी पत्नी मेगाला ने सुप्रीम कोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर कर मद्रास हाई कोर्ट के 14 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है।

हाई कोर्ट ने न्यायिक हिरासत और रिमांड को माना था वैध

हाई कोर्ट ने मनी लांड्रिंग मामले में ईडी द्वारा बालाजी की गिरफ्तारी को बरकरार रखा था। गिरफ्तारी को बरकरार रखने के अलावा हाई कोर्ट ने राज्य के परिवहन विभाग में नौकरियों के बदले धन लेने से संबंधित मामले में एक सत्र अदालत द्वारा न्यायिक हिरासत और बाद में रिमांड को भी वैध माना था।

बिना विभाग के मंत्री पद पर बने हुए थे बालाजी

यह मामला तब का है जब पूर्ववर्ती सरकार में बालाजी परिवहन मंत्री थे। बालाजी तमिलनाडु कैबिनेट में बिना विभाग के मंत्री पद पर बने हुए हैं। बालाजी की पत्नी की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई के लिए हाई कोर्ट द्वारा जस्टिस सी वी कार्तिकेयन को तीसरे जज के रूप में नामित किया गया था।

बालाजी की गिरफ्तारी को रखा था बरकरार

जस्टिस कार्तिकेयन खंडपीठ द्वारा दिए गए फैसले के बाद जस्टिस डी भरत चक्रवर्ती के निष्कर्षों से सहमत हुए। जस्टिस चक्रवर्ती ने बालाजी की गिरफ्तारी को बरकरार रखा था। तीसरे न्यायाधीश ने माना कि आरोपित को जांच को विफल करने का कोई अधिकार नहीं है।

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