भारी बारिश से कपास की फसल तैयार होने के बाद हुई तबाह, अब लागत भी नहीं निकाल पाएंगे किसान
लगातार भारी बारिश और जलजमाव से तमिलनाडु के कपास किसानों को काफी नुकसान हुआ है.
लगातार भारी बारिश और जलजमाव से तमिलनाडु के कपास किसानों को काफी नुकसान हुआ है. अब वे अपनी लागत भी नहीं निकाल पाएंगे. ऐसे में किसान सरकार की तरफ आर्थिक मुआवजे की आस में देख रहे हैं. हाल के दिनों में तमिलनाडु में जोरदार बारिश हुई है. इससे लगभग सभी फसलों को नुकसान हुआ है, लेकिन 10,000 हेक्टेयर में लगी कपास की फसल पूरी तरह तबाह हो गई है.
राज्य के तिरुची जिले के किसानों को सबसे अधिक नुकसान उठाना पड़ा है. तिरुची को तमिलनाडु में कपास की खेती का केंद्र माना जाता है. कपास के खेतों का निरीक्षण करने पहुंचे कृषि और किसान कल्याण विभाग की टीम भी तिरुची पहुंची थी. टीम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बारिश के कारण खेत में ही कम से कम 60 प्रतिशत फसल बर्बाद हो गई है, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.
55 हेक्टेयर में लगी फसल पूरी तरह नष्ट
जिले में 10,000 हेक्टेयर क्षेत्र में कपास की खेती होती है. विभाग के आंकलन के मुताबिक, करीब-करीब 5500 हेक्टेयर में लगी कपास की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है. ये तब हुआ है जब तमिलनाडु में कपास की कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी. कीमतों में तेजी को देखते हुए किसान अच्छे मौसम के इंतजार में थे, लेकिन बारिश ने सबकुछ तबाह कर दिया है.
सीजन की शुरुआत में राज्य में कपास की कीमत 76 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई थी. तिरुची के एक किसान ने कहा कि हम इस बार बढ़ी हुई कीमतों को देखर लाभ की उम्मीद कर रहे थे. किसानों का कहना है कि बारिश उस वक्त हुई है जब हम कपास की कटाई करने की तैयारी कर रहे थे यानी फसल पूरी तरह से तैयार हो गई थी. इस कारण हमें ज्यादा दु:ख हो रहा है.
'कपास किसान काफी संकट में, उनका सीजन खराब'
जिले के किसानों का कहना है कि अब सबकुछ नष्ट हो गया है. ऐसे में हम राज्य सरकार से अपील करते हैं कि किसानों को अच्छा मुआवजा दिया जाए. जिले के थूरायुर के किसान वेलमुरुगन ने कहा कि मैंने इस उम्मीद में कपास की खेती की थी कि पैदावार अच्छी होगी तो देनदारियों को पूरा कर लूंगा. लेकिन ठीक इसका उलट हुआ है और हम एक बार फिर से कर्ज में आ गए हैं.
यहीं हाल मदुरै जिले का भी है. कई कपास किसानों की पूरी फसल नष्ट हो गई है. कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उन्होंने कपास के अनुमानित नुकसान पर एक फील्ड सर्वे किया है. सर्वे के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करेंगे और विभाग में दाखिल करेंगे. उन्होंने कहा कि जैसा कि हमारी फील्ड रिपोर्ट में सामने आया है कि कपास किसान काफी संकट में हैं. कपास किसानों का सीजन खराब रहा है.