सिसोदिया को हिरासत में बीमार पत्नी से आवास पर मिलने की इजाजत
अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति दी गई है.
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शहर सरकार की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से संबंधित मामलों में गिरफ्तार आप नेता मनीष सिसोदिया को अपनी बीमार पत्नी से शनिवार को उनके आवास पर मिलने की अनुमति दे दी.
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने तिहाड़ जेल अधीक्षक को पूर्व उपमुख्यमंत्री सिसोदिया को उनके आवास पर ले जाने का निर्देश दिया, जहां उन्हें सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक अपनी पत्नी से मिलने की अनुमति दी गई है.
उच्च न्यायालय ने यह स्पष्ट कर दिया कि सिसोदिया अपने परिवार के सदस्यों को छोड़कर मीडिया या किसी अन्य व्यक्ति से बातचीत नहीं करेंगे और फोन या इंटरनेट का उपयोग भी नहीं करेंगे।
अदालत ने कहा, ''याचिकाकर्ता को कल सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक उसकी पत्नी से मिलने उसके घर ले जाया जाए।''
उच्च न्यायालय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नियमित जमानत और अंतरिम जमानत के लिए सिसोदिया की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था और अपने आदेश सुरक्षित रख लिए थे। दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को आबकारी नीति मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया और तीन अन्य आरोपियों को आरोप पत्र और पूरक आरोप पत्र सहित दस्तावेजों की प्रतियां उपलब्ध कराने को कहा।
अन्य तीन आरोपी हैदराबाद के चार्टर्ड अकाउंटेंट बुच्ची बाबू गोरंटला, शराब कारोबारी अमनदीप सिंह ढाल और निजी व्यक्ति अर्जुन पांडेय हैं. विशेष न्यायाधीश एम के नागपाल ने सिसोदिया को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उनके समक्ष पेश किए जाने पर यह निर्देश दिया क्योंकि अदालत ने 27 मई को मामले में सीबीआई द्वारा दायर एक पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेने के बाद उन्हें समन जारी किया था। आगे की कार्रवाई छह जुलाई को
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को शुक्रवार को आबकारी नीति घोटाला मामले में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए यहां सीबीआई अदालत में पेश किया गया। सीबीआई ने हाल ही में इस मामले में अपना पहला पूरक आरोप पत्र दायर किया था जिसमें सिसोदिया सहित अन्य को आरोपी बनाया गया है। कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया है।