सिक्किम : विद्यार्थी देश के किसी भी कालेज से छात्रवृत्ति कर सकेंगे आवेदन
जनता से रिश्ता | सिक्किम सामाजिक कल्याण विभाग ने छात्रवृत्ति में व्याप्त असमानता को समाप्त कर समानता लाने को नीति में परिवर्तन किया है। फिलहाल साल 2021-22 शैक्षिक सत्र की छात्रवृत्ति वितरित हो रही है। यह पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति है। उक्त जानकारी राज्य सामाजिक कल्याण विभाग के सचिव छेवाग ग्याछो ने देते हुए बताया कि स्नातक के छात्रों के लिए सरकार द्वारा निर्धारित छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है, छात्रवृत्ति उन छात्रों को दिया जाता है कि जिसके अभिभावक की कमाई 2.5 लाख रुपये से कम होना चाहिए, जिसके लिए छात्रों को आनलाइन फार्म भरना पड़ता है। इस साल सिक्किम के 9300 छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया था।
सचिव छेवाग ग्याछो के मुताबिक अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए राज्य सरकारी तरफ से अब तक कुल 8 करोड़ 2 लाख रुपये प्रदान किया जा चुका है। यह कुल रकम का 94.5 प्रतिशत है बाकी के 5.5 प्रतिशत केंद्र सरकार से मिलना है जो अब तक नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि जब केंद्र से उ1त रकम मिलेगा तब छात्रों के खाते में डाला जाएगा। दूसरी ओर उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य में छात्रवृत्ति की कमी के कारण यह मुद्दा विवादित बनता गया है। जब राज्य सरकार ने छात्रवृत्ति का नियम में परिवर्तन किया तो छात्र दिग्भ्रमित हो रहे है। इसमें विद्यार्थियों को राज्य सरकार की तरफ से प्रदान किए जाने वाली 10 प्रतिशत रकम प्रदान किया गया है। फिलहाल छात्रों के बैंक खातों में 4 हजार रुपये के स्थान पर 4 सौ रुपये मिल रहे है। यह 4 सौ रुपये केवल राज्य की शेयर है। जब केंद्र के द्वारा 90 प्रतिशत शेयर राज्य सरकार को प्रदान किया जाएगा तब छात्रों के खातों में उनका पूरा रकम आ जाएगा। सचिव ने जानकारी दी है कि राज्य के अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों के खातों में भी 58 प्रतिशत रकम डाला गया है। अब केंद्र सरकार से 42 प्रतिशत रकम आने के बाद रहल रकम डाला जाएगा।
उन्होंने कहा कि कतिपय विद्यार्थियों के बैंक खाते में पैसा नहीं जा रहा है। उसका कारण बैंक की मर्ज, लंबे समय तक बैंक खाता संचालन न करना, गलत अकाउंट नंबर और सिक्किम राज्य बैंक (एसबीएस) का अकाउंट नंबर डालने के कारण ऐसा हो रहा है। उन्होंने जानकारी दी है कि इसके लिए केवल नेशनलाइज बैंक का अकाउंट ही स्वीकार्य होता है। इन समस्याओं के समाधान के लिए विभागीय कर्मचारी छात्र और उनके अभिभावकों से संपर्क कर रहे है। इसके अतिरिक्त सचिव ने हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा और छत्तीसगढ़ आदि के छात्रवृत्ति के लिए मनोनयन ( इंपैनलमेंट) किए गए कालेज को मनोनयन से बाहर किया जाने की जानकारी दी है कि इस छात्रवृत्ति योजना अंतर्गत यहा केवल 14 प्रतिशत ही विद्यार्थी अध्ययनरत है, लेकिन उन पर छात्रवृत्ति के 40 पैसा खर्च किया जा रहा है। दूसरी ओर 86 प्रतिशत छात्रों पर 60 प्रतिशत खर्च आ रहा है। इस प्रथा को तोड़कर सभी विद्यार्थियों पर समान छात्रवृत्त प्रदान करने के लिए राज्य सरकार ने सभी कॉलेजों को मनोनयन से बाहर कर दिया है। उन्होंने बताया कि यह नियम साल 2021 में उ1त तथाकथित इंपैनलमेंट कॉलेजों में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों पर लागू होगा, जो पहले से अध्ययनरत विद्यार्थी है उन पर यह नियम लागू नहीं है। उन कॉलेजों को इंपैनलमेंट से हटाने का नोटिफिकेशन अगस्त 2021 को ही सार्वजनिक किया गया था उन्होंने कहा।