100 फीसदी जैविक खेती वाला राज्य सिक्किम: केंद्रीय इस्पात मंत्री

केंद्रीय इस्पात मंत्री

Update: 2022-05-14 11:38 GMT
पूर्वी सिक्किम के रानीपूल स्थित एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने भाग लिया। बैठक पूर्वी सिक्किम के रानीपूल स्थित एक होटल में आयोजित किया गया था। चार दिवसीय सिक्किम दौरे पर रहे केंद्रीय मंत्री सिंह के साथ इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, इस्पात मंत्रालय के सचिव संजय सिंह लगायत मंत्रालय के विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित थे। इस अवधि इस्पात मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रमों के प्रतिनिधियों ने हिंदी राजभाषा पर किए विभिन्न विकास कायरें के बारे में जानकारी दी। इसके साथ ही हिंदी सलाहकार समिति के सदस्यों ने भाषा विकास के लिए विभिन्न सुझाव रखे थे।
सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र सिंह ने सिक्किम की जैविक खेती और यहा के लोगों की धैर्यता और कार्य की प्रशसा की। उन्होंने कहा कि आज हम शत प्रतिशत जैविक खेती करने वाले राज्य में है। यहा रासायनिक खाद के प्रयोग किए बिना पारंपरिक खेती किया जाता है। ऐसी जमीन को नमन और यहा के लोगों को बधाई देना चाहिए। मंत्री ने यहा की पर कैपिटा इनकम की बात करते हुए यहा के लोग बधाई के पात्र है कहा।
हिंदी सलाहकार समिति के प्रतिनिधियों के द्वारा दिए गए सुझाव पर बोलते हुए मंत्री सिंह ने कहा कि बैठक में जितने भी सुझाव रखे गए सभी सुझाव इंप्लीमेंट करने के योग्य है। उन्होंने बताया कि देश के प्रधान मंत्री भी जहा अपनी भाषण रखते हिंदी भाषा में रखते है। हमें भी अपनी भाषा का खुल कर प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया है कि कार्यालय में सभी अंग्रेजी में प्रयोग किया गया तो भी अधिकारी अपनी दस्तखत हिंदी भाषा में करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी कोई भी विभागीय संबंधित नोटिंग या पत्राचार भी हिंदी भाषा में लिखना शुरू करें।
मंत्री सिंह ने आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर इस्पात मंत्रालय क्या अलग कर सकता है, इस पर उपस्थित सदस्य अपनी राय दें कहा। उन्होंने लोगों से कहा कि अपनी भाषा पर भी स्वाभिमान होनी चाहिए। अगर स्वाभिमान के साथ काम करेंगे तो काम अच्छा बनेगा। उन्होंने जानकारी दी है कि देश दुनिया में नंबर दो पर है, इस्पात मंत्रालय 130 मिलियन टन के साथ विकसित होकर आगे बढ़ रहा है।
अपने संबोधन में इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा कि हिंदी भाषा के विकास के लिए इसकी सरलीकरण और प्रयोग में ध्यान देना आवश्यक है। उन्होंने आगे बताया कि देश में हिंदी भाषी की आकड़ा अनुरूप विकास करना सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने सुझाव दिया है कि सार्वजनिक उपक्रमों को हिंदी भाषा विकास के लिए पत्रिका प्रकाशन, कवि गोष्ठी का आयोजन आदि आवश्यक होते है। उन्होंने भाषिक विकास के लिए सबको एक जुट होने की अपील की।
इस अवसर पर हिंदी भाषा में निष्ठा पूर्वक कार्य करने वालों को 'राज भाषा निष्ठा सम्मान' प्रदान किया गया। यह सम्मान सार्वजनिक उपक्रमों के राज भाषा में सर्वश्रेष्ठ काम करने वाले लोगों को दिया जाता है। इस अवसर पर आठ सार्वजनिक उपक्रमों के प्रतिनिधियों ने भाग लिए थे।
Tags:    

Similar News

-->