तीसरी बार भारतीय नागरिक साबित करने के लिए मिला नोटिस

असम के एक परिवार का दर्द

Update: 2022-06-14 06:10 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : असम में एक परिवार के तीन सदस्यों को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने के लिए नोटिस दिया गया है। 8 जून को दिए गए नोटिस में कहा गया है कि उन्होंने 1 जनवरी 1966 और 23 मार्च, 1971 के बीच अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया और उन्हें अपनी नागरिकता साबित करने के लिए ट्रिब्यूनल के सामने पेश होना होगा।इस नोटिस ने नाता सुंदरी (66), उनके पति काशी नाथ मंडल (68) और उनके बेटे गोविंदो (40) को हैरान कर दिया है। दरअसल यह तीसरी बार है जब असम के सोनितपुर जिले के बलिजन कचहरी गांव के परिवार को यह साबित करना होगा कि वे भारतीय हैं। 2016 में उन्हें कानूनी दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद सोनितपुर ट्रिब्यूनल ने उन्हें देश का कानूनी नागरिक माना था। गोविंदो ने बताया कि मेरे पिता काशी नाथ को 2018 में फिर से नोटिस दिया गया था। यह दूसरी बार था जब उन्हें ऐसा नोटिस मिला था। हमने इसे ट्रिब्यूनल में लड़ा था और फैसला मेरे पिता के पक्ष में गया। मंडल के दूसरे बेटे नकुल मंडल ने कहा कि ने खुद को भारतीय साबित करते करते आर्थिक और मानसिक रूप से थक चुके हैं।

उन्होंने कहा कि उनके संयुक्त परिवार के 38 सदस्यों का नाम राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर 1951 में है, जो कि उन्हें देश का नागरिक साबित करता है। हमें फिर से क्यों परेशान किया जा रहा है जब हमें दो बार अदालत ने भारतीय नागरिक माना है। बता दें कि गुवाहाटी हाई कोर्ट ने 6 मई को फैसला सुनाया कि जिस व्यक्ति ने एक बार अपनी नागरिकता साबित कर दी है, उससे दोबारा इसके बारे में नहीं पूछा जा सकता।असम भर में ऐसे सैकड़ों मामले हैं जहां लोगों को पहले से ही पर्याप्त दस्तावेजों द्वारा समर्थित अपनी पहचान साबित करने के बाद विदेशियों के न्यायाधिकरण अदालतों से नोटिस मिल रहे हैं।

सोर्स-DN360

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