कोटा न्यूज़, कोटा में दो युवकों को करंट की चपेट में आकर जिंदा जला दिया। दोनों बोरिंग कार में बैठे थे। कार को साइड में लगाने के लिए रिवर्स करते समय मशीन का पाइप हाईटेंशन बिजली के तार से छू गया और बिजली का तार सड़क पर गिर गया।इस दौरान चालक का साथी उतरा तो उसे करंट लग गया। जैसे ही उसने 11 केवी लाइन को छुआ, उसके शरीर में आग लग गई। वह चिल्लाने लगा, जिस पर चालक उसे बचाने दौड़ा और उसे भी करंट लग गया। दोनों आग से झुलसने लगे और वहीं कार के टायरों के पास गिर पड़े।कुछ ही देर में कार में भी आग लग गई। चालक और उसके साथी के हाथ, पैर और चेहरे पर गंभीर चोटें आई हैं। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसा सोमवार सुबह करीब साढ़े सात बजे कोटा के सिमलिया थाना क्षेत्र में हुआ।सूचना पर पुलिस, एसडीएम डीगोद, तहसीलदार मौके पर पहुंचे। हादसे की जानकारी ली। हादसे में झालावाड़ निवासी चालक कमलेश (35) 80 फीसदी झुलस गया और चित्तौड़ निवासी पप्पू सिंह (35) 60 फीसदी झुलस गया। पप्पू बोरिंग मशीन का संचालक था।
उसी समय पास से 11 केवी की बिजली लाइन निकल रही थी। इसी बीच बोरिंग मशीन के पाइप से बिजली का तार टूट गया। तार टूट कर जमीन पर गिर पड़ा और जैसे ही एक युवक उतरा उसे करंट लग गया.कार के साथ एक जीप भी थी। जीप में उसका साथी नानूराम सवार था। वह दुकान पर दूध का थैला लेने के लिए रुका था। नानूराम ने बताया- हम कोटा से रात तीन बजे आए थे। क्रेशर के पास कार खड़ी कर सो गए थे। बोर करने के लिए सुबह खान की झोपड़ियों में जाना पड़ता था। सुबह करीब सात बजे कोल्हू से निकलकर धर्मकांटा पहुंचे। मैं जीप में वापस आ रहा था। रास्ते में दूध लेने लगा था।नानूराम ने बताया कि जब वह दूध की थैली लेकर मौके पर पहुंचे तो कार के कैबिन में आग लगी हुई थी। पास में बिजली का टूटा तार जमीन पर पड़ा था। मौके पर लोगों की भीड़ लग गई। ग्रामीणों की मदद से पहले बिजली बंद की गई। पास जाकर देखा तो ड्राइवर और कुली की लाशें एक-दूसरे के ऊपर पड़ी थींमृतक कमलेश के छोटे भाई समंदर सिंह ने बताया- कमलेश 15 दिन पहले घर से काम के सिलसिले में निकला था। उनकी एक बेटी और एक बेटा है। दोनों पढ़ाई करते हैं। काम के लिए घर से निकलने के कुछ दिन बाद ही उससे फोन पर बात हुई थी।