जयपुर: पूर्व मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने रविवार को नया टापरा दोलपुरा से डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम तक पैदल यात्रा की और हरि मंदिर में पूजा की। इस दौरान उन्होंने मेले में चूड़ियां भी खरीद कर पहनी। मावजी और काली माता की तस्वीर भी खरीदी। मेले में एक आदिवासी महिला के आग्रह पर तीर कमान भी चलाया और कहा कि कोई लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं। उन्होंने अपनी सरकार के वक्त निर्मित संत मावजी महाराज का पेनोरमा भी देखा। ब्रह्मा-शिव और वाल्मीकि मंदिर में दर्शन किए। राजे ने कहा कि राजस्थान में बदलाव होगा और बागड़ सहित हर क्षेत्र में जो भी काम शेष रहे हैं, वे सब पूरे करवाएंगे। मावजी महान संत ही नहीं विश्व के सर्वश्रेष्ठ भविष्य वक्ता भी थे। चौपड़ों में लिखी जिनकी हरेक भविष्यवाणी आज सच हो रही है। मावजी ने कोरोना जैसी महामारी के लिए 300 साल पहले ही अपने चौपड़ें में लिख दिया था कि पृथ्वी पर ऐसे भयंकर प्रकोप होंगे, जिससे नगर, बाजार सब वीरान और सुनसान हो जाएंगे।
पीठाधीश्वर ने कहा-वसुन्धरा फिर से
बेणेश्वर धाम के पीठाधीश्वर महंत अच्युतानंद महाराज ने राजे को आशीर्वाद दिया और कहा कि ईश्वर से कामना है कि वे पुन: सत्ता में आएं और राजस्थान की सेवा करे। उन्होंने कहा कि वसुन्धरा का बागड़ क्षेत्र से विशेष लगाव है। इससे पूर्व उदयपुर एयरपोर्ट पर राजे का जोरदार स्वागत हुआ। उदयपुर से बेणेश्वर धाम तक करीब 35 जगह स्वागत हुआ। लोग उन्हें देखने के लिए उमड़ पड़े।