दीवारों पर शादी का कार्ड बनाने की अनूठी परंपरा, धोनी ने की तारीफ

पहले उन्होंने भाटिया समाज के लोगों के लिए इसकी शुरुआत की.

Update: 2022-05-08 12:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : एक शादी की बहुत बड़ी मेट्रोमोनियल साइट्स ने इसे अपने विज्ञापन में प्रमुखता से दिखाया है. इस विज्ञापन में महेंद्र सिंह धोनी ने जैसलमेर की इस अनूठी दीवार पर शादी के कार्ड छापने वाली परम्परा की तारीफ की है. उन्होंने इसे अनूठी और दुनिया में अकेली परंपरा बताते हुए शादी के कार्ड को दीवार पर छापकर बालिकाओं का गर्व बढ़ाने वाली बात की है.जैसलमेर में इस अनूठी परंपरा को शुरू करने का श्रेय जैसलमेर के सागर जी भाटिया को जाता है.

सागर जी भाटिया अपने नाम के साथ जी इसलिए लगाते हैं क्योंकि उनके पिता का नाम गोविंद भाटिया था. सागर जी भाटिया ने जैसलमेर में दीवार पर शादी का कार्ड छापने की परंपरा की शुरुआत आज से करीब 50 साल पहले शुरू की थी. पेशे से सरकारी क्लर्क से रिटायर हुए सागर जी भाटिया शौकिया पेंटर भी है. वे बताते हैं कि एक दफा वे अपनी मां के साथ नाथद्वारा श्रीनाथजी के दर्शन करने गए थे.वहां उन्होंने दीवार पर एक शख्स को हाथी और महिला के साथ पेंटिंग बनाते देखा तभी से उनके दिमाग में ये आइडिया आया और जैसलमेर में इस कला की शुरुआत की. पहले उन्होंने भाटिया समाज के लोगों के लिए इसकी शुरुआत की. बाद में ये इतनी पॉपुलर हो गई कि अब सभी समाजों के लोग इसको गर्व के साथ अपनी दीवारों पर छपवाते हैं.

जैसलमेर में उन्होंने गणेश भगवान के साथ इस पेंटिंग की शुरुआत की. पहले ऑइल पेंट आदि नहीं थे तो कच्चे रंगों के साथ दीवारों पर पेंटिंग बनाते, लेकिन बारिश के दौर में वो पेंटिंग धूल जाती थी. इसके बाद धीरे-धीरे ऑइल पेंट से बनाना शुरू किया और अब ये आलम है कि जैसलमेर की हर गली में जिस घर में भी मांगलिक आयोजन होता है, उस घर के बाहर दीवार पर सागर जी भाटिया की बनाई पेंटिंग आपको मिल जाएगी. धीरे-धीरे बाकी पेंटरों ने भी इस काम को अपना लिया और अब हर घर के बाहर शादी का कार्ड पेंट किया हुआ मिल जाएगा.
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