राजस्थान की बड़ी खबर में आपको बता दें कि प्रदेश के युवा बेरोजगार उपेन यादव के नेतृत्व में गुजरात में प्रदर्शन कर रहें है। वहीं दूसरी ओर जयपुर में बेरोजगार युवाओं का प्रदर्शन देखने को मिला है। जयपुर में राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य गेट पर एनएसयूआई के छात्रों ने महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से पत्र लिखा हैं। पहले विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने खून से पत्र लिखे, फिर तभी कॉलेज और विभागों में जाकर भी छात्र छात्राओं से पत्र लिखवाए है।
जानकारी के लिए बता दें कि बीते दिनों यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने जूतों के डॉक्टर, एमबीए बेरोजगार चायवाला, इंजीनियर स्पेशल कचौड़ी और बेरोजगार पताशी वाले की स्टॉल सजाकर बेरोजगारी दिवस मनाते हुए विरोध प्रदर्शन किया था। वहीं राष्ट्रीय डाक दिवस के मौके पर बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ प्रधानमंत्री को खून से लिखे हुए पत्र भेजे गए हैं।
मोदी सरकार खत्म कर रही है सरकारी नौकरियां -
एनएसयूआई इकाई अध्यक्ष अमरदीप परिहार का कहना है कि जब से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने हैं, तब से पढ़ा लिखा युवा सरकारी नौकरियों की जगह पकौड़ी, चार्ट का ठेला लगाने के लिए मजबूर हो गया है, क्योंकि उन्हें डिग्रियां पाने और उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी उनकी योग्यता अनुरूप नौकरियां नहीं मिल पा रही है। केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार लगातार सरकारी नौकरियों को खत्म करती जा रही है। राष्ट्रीय संस्थाओं का निजीकरण कर रही है, जिससे पढ़ा लिखा व्यक्ति भी बेरोजगार होता जा रहा है।
सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे बेरोजगार युवा-
इसके साथ ही एनएसयूआई इकाई अध्यक्ष अमरदीप परिहार ने कहा कि इसलिए अब नौबत गई है कि केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षण कराने के लिए युवाओं को अपना खून बहाना पड़ रहा है। आज खून से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री को पोस्ट किए गए है और अभी भी केंद्र सरकार आंखें मूंदे हुए बैठी रही तो युवा आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर उतरेंगे। जानकारी के लिए आपको बता दें कि इकाई अध्यक्ष अमरदीप परिहार के साथ राष्ट्रीय संयोजक राहुल भास्कर, छात्र नेता रविंद्र और अनिल शर्मा ने खून से पत्र लिखे। वहीं यूनिवर्सिटी के संघटक कॉलेजों और विभागों में छात्र-छात्राओं ने बेरोजगारी और महंगाई के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराते हुए स्याही से पत्र लिखे हैं।