टोंक: टोंक प्रदेश के पहले सरकारी यूनानी मेडिकल कॉलेज के अंतर्गत आने वाले बग्गी खाना अस्पताल की हालत दयनीय है। यूं कहें कि यह अस्पताल इन दिनों गंदगी का पर्याय बन गया है। प्रभारी मंत्री और कलेक्टर के निर्देश के बावजूद यहां कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसका नजारा वहां बखूबी देखा जा सकता है. अस्पताल में आने वाले मरीज चारों तरफ गंदगी और मच्छरों से परेशान हैं. वहीं, मंगलवार को भी कई डॉक्टर अनुपस्थित रहे. यहां मौजूद लोगों ने बताया कि जो डॉक्टर यहां नहीं हैं, वह मेडिकल कॉलेज गये हैं.
गौरतलब है कि इस अस्पताल में गंदगी एक बड़ी समस्या है. वहीं, यहां प्रतिनियुक्ति पर अधिकतर स्टाफ देर से आता है. इसके साथ ही वह कई बार अनुपस्थित भी रहते हैं, जबकि पिछले दिनों वीसी ने भी यहां की शिकायतों का अवलोकन किया था, लेकिन उस पर भी कोई ध्यान न दिए जाने से अव्यवस्थाएं बरकरार नजर आ रही हैं। इसका खामियाजा यहां आने वाले गरीब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। गौरतलब है कि यह यूनानी अस्पताल सर्वपल्ली राधाकृष्ण आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय, जोधपुर के अधीन है।
इस कारण यहां सारी व्यवस्थाएं विलंबित हो जाती हैं। यहां किसी के पास डीडी पावर नहीं है क्योंकि सभी डॉक्टर प्रतिनियुक्ति पर हैं. ऐसे में वहां व्यवस्था बनाना मुश्किल हो रहा है. राजस्थान खादी बोर्ड के सदस्य मुराद गांधी और कई अन्य नेताओं ने भी जिले के प्रभारी मंत्री और चिकित्सा मंत्री को यहां की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी दी, लेकिन इसमें कोई सुधार नहीं हो सका. इस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को सीधे राज्य सरकार के अधीन लाने की मांग भी लंबे समय से की जा रही है. यहां संविदा और संविदा कर्मियों के नियमितीकरण पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन सरकार ने अब तक इन्हें राहत नहीं दी है. कुल मिलाकर यूनानी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल ठेके पर ही चलता नजर आ रहा है।