नकल करने वाले परीक्षार्थी को मिला दो साल जेल की सजा, 9 साल पुराने मामले पर एमजेएम कोर्ट ने दिया फैसला

राजस्थान में झुंझुनू जिले के चिड़ावा में एलएलबी परीक्षा के दौरान नकल के एक मामले में नौ साल बाद न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए परीक्षार्थी को दो साल के कारावास की सजा सुनाई है।

Update: 2022-07-24 05:09 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान में झुंझुनू जिले के चिड़ावा में एलएलबी परीक्षा के दौरान नकल के एक मामले में नौ साल बाद न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए परीक्षार्थी को दो साल के कारावास की सजा सुनाई है। चिड़ावा मुंसिफ न्यायिक मैजिस्ट्रेट (एमजेएम) नीतू रानी ने फैसला सुनाते हुए नकल के आरोपी को दो साल के कारावास एवं एक हजार रुपये के आर्थिक दंड से दंडित किया है।

मामले के अनुसार महेंद्रगढ़ हरियाणा निवासी दीपक चौधरी झुंझुनू के चिड़ावा में 14 जून 2013 को एलएलबी प्रथम वर्ष की परीक्षा देने आया था। कॉलेज प्रतिनिधि डूंगरमल द्वारा पुलिस को दी गई रिपोर्ट में बताया गया कि कॉन्स्टट्यिूशन लॉ के पेपर के लिए आरोपी परीक्षार्थी ने उत्तर पुस्तिका लेने के बाद स्वयं द्वारा साथ लाए गए कागज से नकल करना शुरू कर दिया। शिक्षक द्वारा पकड़े जाने पर आरोपी नकल सामग्री के कागज का एक हिस्सा फाड़ कर खा गया और केंद्र से भागने लगा। जिसे पकड़ कर मामले की सूचना पुलिस को देने के बाद रिपोर्ट दर्ज करवाई गई।
एक हजार का जुर्माना भी लगा
धारा 306 राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम के तहत दर्ज हुए मुकदमे में राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहे सहायक अभियोज अधिकारी राकेश शर्मा ने तर्क दिया कि वर्तमान परिस्थितियों में परीक्षा के दौरान नकल एवं नकल गिरोह की रोकथाम अति आवश्यक है। मामले में दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद न्यायालय ने आरोपी को दो वर्ष की सजा और एक हजार रुपये के आर्थिक दंड की सजा सुनाई है।
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