सिरोही। सिरोही जयपुर से मांउट आबू घूमने आए एक निजी स्कूल के 113 छात्रों के दल में से दो बच्चे मंगलवार को बनास नदी में नहाने के दौरान डूब गए। बच्चों के डूबने की सूचना मिलने पर दल के साथ आए शिक्षकों ने आसपास के लोगों को बताया। जिस पर मौके पर लोगों की भीड़ एकत्रित हो गई व नदी में डूबे बच्चों की तलाश करने लगी। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा मैत्रेयी, माउंट आबू उपखंड अधिकारी सिद्धार्थ पलानीचामी, माउंट आबू पुलिस उप अधीक्षक अचलसिंह देवड़ा, शहर थानाधिकारी बलभद्रसिंह, तहसीलदार सुनीता चारण, बीडीओ नवलाराम मौके पहुंचे। माउंट आबू से एसडीआरएफ की टीम व माउंट आबू व लुनियापुरा के स्थानीय गोताखोरों ने करीब 6 घंटे तक बच्चों की तलाश की, लेकिन अभी तक दो में से एक ही बच्चे का पता लग सका। शहर थानाधिकारी बलभद्रसिंह ने बताया कि जयपुर के सांगानेर केशर इंटरनेशनल सीनियर सैकण्डरी स्कूल के 113 छात्रों का दल रविवार को माउंट आबू घूमने आया था। सोमवार को माउंट आबू घूमने के बाद मानपुर रजवाड़ा पुल के पास साईं बाबा धर्मशाला में ठहरे थे। मंगलवार सुबह करीब 9 बजे छह बच्चे नदी में नहाने चले गए। इनमें से बारहवीं कक्षा के प्रीतम (17) पुत्र रामस्वरूप बैरवा व दुलारासिंह (16) नहाने के दौरान डूब गए।
इस पर बच्चों ने धर्मशाला पहुंचकर शिक्षकों को बताया। शिक्षकों ने आसपास के लोगों को अवगत करवाया। नगरपालिका पार्षद रमेश वैष्णव, दिलावर खान, थानसिंह देवड़ा आदि मौके पर पहुंचे। लोगों ने बच्चों के डूबने की शहर पुलिस को सूचना दी। जिस पर पुलिस ने एसडीआरएफ व स्थानीय गोताखोरों को सूचना दी। टीम ने तत्काल सर्च ऑपरेशन शुरू किया। करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद 12 बजे एक बालक प्रीतम का शव नदी से बाहर निकाला गया। शाम तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में दुलारासिंह का पता नहीं लग सका है। प्रशासन की ओर से सर्च ऑपरेशन कार्य जारी है। स्कूल के जिन 113 बच्चों को माउंट आबू घूमने भेजा गया था, उनकी जिम्मेदारी स्कूल स्टाफ के भरोसे थी, लेकिन पूरे मामले में स्कूल प्रशासन की भी लापरवाही सामने आ रही है। बच्चों को घूमने माउंट आबू लाने व धर्मशाला में ठहराने के दौरान बच्चों के बिना बताए नदी में नहाने चले जाने का स्टाफ को पता नहीं लगा। जब दो बच्चे डूबने लगे तब शिक्षकों को बच्चों के नदी में होने का पता लगा। जिसके बाद उनकी खोजबीन की गई। बनास नदी में रजवाडा़ पुल से गिरकर व नदी में डूबकर अब तक दर्जनों लोगों की जान जा चुकी है। इसके बावजूद पुल पर सुरक्षा के लिए ना तो ऊंची दीवार हैं और ना ही नदी में उतरने वाले लोगों को रोकने के लिए कोई चेतावनी बोर्ड लगे हैं। ऐसे में बाहर से आने वाले लोग नहाने के लिए नदी के गहरे वाले हिस्से में चले जाते हैं। जहां डूबने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। नदी में नहाने जाने वाले लोगों को गहरे पानी में जाने से रोकने के लिए चेतावनी बोर्ड लगाना आवश्यक है।