पशु विज्ञान केंद्र सूरतगढ़ द्वारा आत्मा योजना अंतर्गत दो दिवसीय वैज्ञानिक बकरी पालन एवं प्रबंधन विषय पर शिविर का आयोजन शुक्रवार को हुआ जिसमें मुख्य अतिथि उपनिदेशक, कृषि एवं पदेन आत्मा डॉ. विनोद गौतम (श्री गंगानगर) रहे। जिन्होने आत्मा अंतर्गत आने वाली विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया तथा कृषक व पशुपालकों को प्रशिक्षण में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
केंद्र के प्रभारी अधिकारी डॉ. अरुण कुमार झीरवाल ने प्रशिक्षण के दूसरे दिन की शुरुआत करते हुएश बताया कि बकरी पालन में आर्थिक लाभ इस बात पर निर्भर करता है कि अच्छी नस्ल, वैज्ञानिक प्रबंधन एवं मादा बकरी की देख-भाल एवं नवजात बच्चों की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए और बकरी के नवजात में बच्चों कि आहार प्रबंधन के साथ खींस पिलाना, चारा, दाना प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. मनीष कुमार सेन ने बकरियों में बांझपन समस्या के कारण एवं निवारण तथा बकरी के दूध के महत्व तथा मानव स्वास्थ्य के लिए किस प्रकार लाभदायक है इसके बारे में विस्तार से जानकारियां दी और बकरियों में पेट के कीड़े, खनिज लवण, एजोला घास के महत्व बताएं। पशुपालकों को केंद्र की प्रयोगशाला, अजोला यूनिट, साइलेज, चारा का प्रदर्शन तथा इसके महत्व के बारे विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण शिविर के अंत में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम रखा गया, जिसमें प्रथम, द्वितीय, तृतीय क्रमशः सुखविंदर सिंह, काशीराम, राजदीप हंस रहे, जिन्हें पारितोषिक वितरित किए गए है। सभी पशुपालकों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किए गए इस प्रशिक्षण शिविर में कुल 36 पशुपालकों ने भाग लिया। (फोटो सहित)