बेमौसम बारिश के चलते सूखे चारे की ट्रकें आना बंद, ईंट भट्टाें में हाे रहा खांखले का उपयाेग

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Update: 2023-03-11 11:14 GMT
राजसमंद। बेमौसम बारिश के कारण राजस्थान के साथ सीमावर्ती राज्य मध्य प्रदेश में सूखे चारे के ट्रक आना बंद हो गए हैं. दूसरी ओर, ईंट भट्ठों में मिश्रित गेहूं और सरसों की भूसी के उपयोग से जिले भर के 5 लाख पशुओं के लिए सूखे चारे का संकट पैदा हो गया है. खोखों की कमी के कारण चारे के दाम आसमान छू रहे हैं। पिछले तीन साल की तुलना में इस बार चारे के दाम एक हजार रुपए से दो गुना बढ़कर 1300 रुपए प्रति क्विंटल हो गए हैं। आलम यह है कि राजसमंद चारागाह में कदब की कुट्टी तक नहीं मिल रही है। इधर उधर मिल भी रही है तो उसका भाव भी 9 रुपये से 12 रुपये किलो और गेहूं का चोकर 10 रुपये से 13 रुपये किलो तक बिक रहा है. पिछले साल अच्छी प्री-मानसून बारिश के कारण ज्यादातर किसानों ने खरीफ फसलों की बुवाई की थी। किसान पशुओं के लिए चारे का उत्पादन करने के लिए अधिक मक्का की फसल बोते हैं। इस बार खरीफ की फसल जल्दी और देर से बोई गई।
इस कारण अगेती फसल की कटाई के दौरान हुई बारिश के कारण कड़वी भीगकर काली पड़ गई। इससे गुणवत्ता कम हो गई। कई जगह यह खराब हो चुका है। अगेती फसल में करेले की कमी के कारण करेले व कुट्टी की कमी हो गई है। कम वर्षा के कारण राजसमंद में चारा उत्पादन हर साल कम होता है। ऐसे में कदब (कुट्टी), सोयाबीन और गेहूं का खंखला मध्यप्रदेश से बड़ी मात्रा में लाकर बेचा जाता है। मप्र व हाड़ौती अंचल से चारा लाकर बेचने वाले व्यापारी बंशीलाल, किशनलाल कुमावत ने बताया कि इस बार बेमौसम बारिश से चारा गीला होकर काला हो गया, जो पशुओं के खाने लायक नहीं था. इसके चलते एमपी से चारा लेकर धौंडा, टीवीएस चौराहे पर खड़े वाहन भी पिछले कई दिनों से दिखाई नहीं दे रहे हैं। धैयंडा बस स्टैंड स्थित भैरूनाथ खानखला भंडार के मालिक किशनलाल कुमावत ने बताया कि हाडौती, वागड़, चित्तौड़ व मप्र से खानखला, सोयाबीन खरिया, मसूर खरिया व कुट्टी की सप्लाई होती है. जबकि मप्र से गेहूं का चारा सप्लाई किया जाता है। यहां से फिलहाल कुट्टी नहीं आ रही है। खानखला एक हजार से 1300 रुपए तक बिक रहा है।
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