कोटा: अनन्तपुरा थाना के पीछे बना कच्चा नाला अगर ठीक हो जाए और वार्ड में पहले स्थित डिस्पेंसरी को अगर पुन: वार्ड में ही शिफ्ट करवा दी जाए तो वार्ड में कोई बड़ी समस्या नहीं रहेगी। ये कहना है कोटा नगर निगम दक्षिण के वार्ड 35 के कुछ लोगों का। ये वार्ड पूरी तरह नगर निकास न्यास के हिस्से में आता है। वार्ड के लोग कहते हैं कि पार्षद ने वार्ड के लगभग हर क्षेत्र में पूर्व से चली आ रही समस्याओं का समाधान किया है। वहीं वार्ड में कई स्थानों पर आज भी समस्याएं नजर आती हंै लेकिन अधिकांश लोग पार्षद के कार्यकाल को सन्तोषप्रद बताते हैं। निगम की ओर से वार्ड में ना के बराबर काम हुआ है। नगर निकास न्यास के अधीन आने वाले इस वार्ड में करीब 5 हजार से अधिक मतदाता हैं। वार्ड में घोसी मौहल्ला, आमीर कॉलोनी, राजपूत कॉलोनी, देव कॉलोनी तथा अनन्तपुरा कच्ची बस्ती आदि इलाकें आते हैं। इन इलाकों के लोगों का कहना हंै कि वार्ड में कई ऐसे कार्य हुए हैं जो बीते काफी समय से अटके पड़े थे। पहले पूरे वार्ड की सड़कें उबड़-खाबड़ थी लेकिन अब अधिकांश हिस्सों में सीसी सड़क बन गई हैं। नालियों की समस्या काफी हद तक हल हो गई हंै। जो सुलभ शौचालय की समस्या उसका भी जल्द समाधान होने की संभावना है। इसका टेंडर हो गया है।
वार्डवासियों का कहना है कि उनके वार्ड में विकास कार्यों में निगम या न्यास का कोई फर्क नहीं पड़ा है कि क्योंकि पार्षद व्यक्तिगत रूचि लेकर सभी की समस्याओं का समाधान करवाती है। पार्षद प्रतिनिधि कई घन्टे वार्ड में बिताते है और सभी की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास करते है। अब कुछ कार्यों में समय लगता हैं तो कुछ कार्य नहीं भी हो पाते लेकिन पार्षद अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ती है। पार्षद ने क्षेत्र में स्थित कब्रिस्तान की कायापलट कर दी है। ये समस्या बीते कई सालों से चली आ रही थी। वहीं वार्ड के कुछ लोगों ने ये भी कहा कि ना रोड बराबर है ना नालियों की दशा सुधरी हैं। पूरे क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या आज भी बरकरार है। कई स्थानों पर ढंग से साफ-सफाई नहीं होती। अक्सर नालियां भरी रहती हैं। नालियों का पानी घरों के बाहर नजर आता है। कई समस्याएं ऐसी हैं जो लोगों के लिए परेशानियों का कारण बनी हुई हंै। क्षेत्र में आवारा जानवरों और श्वानों की भरमार हैं। कई बार लोग चोटिल भी होते हैं। संबंधित विभाग वाले इन मवेशियों ले भी जाते हैं लेकिन वापस घूम फिरकर नजर यहीं आ जाते हैं। नाले के कारण हर बार बारिश के दिनों में कच्ची बस्ती के मकानों में पानी घुसता है और काफी नुकसान होता है।
क्षेत्र के कुछ लोग बताते हैं कि रोड भी नये बने हैं। रोड लाइट की स्थिति पहले से काफी सुधर गई है। कचरा लेने के लिए टिपर समय पर आते हैं। कुछ लोग सड़कों पर ही कचरा फैंक देते हैं जिससे गंदगी नजर आती है। सामुदायिक भवन की बहुत जरूरत है। जिससे निम्न वर्ग के लोगों को छोटे-मोटे समारोह के लिए महंगे स्थान ना लेने पड़े। वार्ड में आवारा जानवर पहले की अपेक्षा कम नजर आने लगे हैं। वार्ड पार्षद का कहना है कि वे वार्ड के हर इंसान की समस्या का समाधान करने के लिए हमेशा तत्पर रहती है। किसी भी दल का समर्थक हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता हैं। मैं सिर्फ ये मानती हंू कि मेरा वार्डवासी है। वार्ड में जो थाने के पीछे का नाला है उसका पक्का निर्माण करवाने के लिए प्रयासरत हंू। वार्ड में सीसी रोड बनावाएं हैं। लगभग हर जगह रोड लाइट लग चुकी है।
इनका कहना है
वार्ड में सुलभ शौचालय के कार्य के लिए टेंडर हो चुका है। कुछ काम सारा कार्य यूआईटी की ओर से ही करवाया जा रहा है। बरसों पुराने कब्रिस्तान का जीर्णोद्धार करवा दिया है। मिट्टी की जरूरत थी डलवा दी। कई बार नाले के निर्माण के लिए कह चुकी हूं। बारिश के दिनों कच्ची बस्ती के लोग आते हैं, बहुत परेशान करते हैं उनको समझाना पड़ता है।
- जरीना बेगम, वार्ड पार्षद।
वार्ड में भले ही काम हो रहे हैं लेकिन आज भी कई समस्याएं बरकरार हैं। कही पर रोज साफ-सफाई होती है तो कुछ जगहों पर कई दिनों तक कचरे के ढ़ेर पड़े रहते हंै। आज भी वार्ड में रोड व नालियों की समस्या बनी हुई है।
-सत्यनारायण मेहता, वार्डवासी।
वार्ड में इस समय बस ये नाला एक बहुत बड़ी समस्या बना हुआ है। बाकी तो काम सारे हो रहे हैं। जो डिस्पेंसरी यहां थी उसे सुभाष नगर में शिफ्ट कर दिया गया है जिससे काफी परेशानी हो रही है। बस वो वापस यहां शिफ्ट हो जाए तो लोगों को काफी परेशानियों से छुटकारा मिल जाए।
-शब्बू मंसूरी, वार्डवासी।
वार्ड पार्षद बहुत अच्छा काम कर रही हैं। वार्ड की कई समस्याएं लगभग खत्म हो चुकी हैं। रोड बनवा दिए। निगम का टिपर भी टाइम पर आता है। जिससे सड़कों पर कचरा कम ही नजर आता है। फोन करते ही पार्षद प्रतिनिधि मौके पर आते है और समस्या को देखते है।
-नजर मोहम्मद, वार्डवासी।