Rajasthan: प्रकृति और पर्यावरण का महत्व समझाने के उद्देश्य से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. लेकिन वर्तमान समय में देखा जा रहा है कि इस महत्वपूर्ण दिवस को भी लोगों ने फैशन बना दिया है. केवल सुंदर-सुंदर फोटो खिंचाने के बाद सोशल मीडिया में अपलोड करते हैं और भूल जाते हैं. इस तरह के कार्य से पर्यावरण को बचाया नहीं जा सकता है.पर्यावरण प्रेमी अनोप भाम्बु ने बताया कि भले ही देशवासी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की "मां के नाम पर एक पेड़" की अपील पर पौधे लगा रहे हैं, लेकिन दूसरी ओर अधिकारियों की औद्योगिक घरानों से मिलीभगत, अनदेखी एवं लापरवाही से प्रदेश में वन भूमि से लाखों से अधिक पुराने, विशालकाय हरे-भरे पेड़ों को काटने की अनुमति देने से लाखों पेड़ों पर करोड़ों पक्षियों एवं वन्यजीवों का बसेरा है, जो समाप्त हो जाएगा।
पौधारोपण में 10 प्रतिशत पौधे ही जीवित रह पाते हैं ऐसी स्थिति में लाखों की संख्या में पेड़ों को काटना प्रकृति की हत्या कर अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना है। सोलर पॉवर प्लांट को सघन वन क्षेत्रों में लगाने के बजाय रिक्त भूमि में लगाया जाना चाहिए। पर्यावरण प्रेमी अनोप भाम्बु ने कहा की हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम पर्यावरण संरक्षण के लिए निरंतर काम करेंगे और प्रकृति का सम्मान करेंगे।
हमें अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे बदलाव करने चाहिए, जैसे कि पानी की बचत करना, ऊर्जा की बचत करना, प्लास्टिक का उपयोग कम करना, और पेड़ लगाना। ये छोटे-छोटे बदलाव हमारे पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं |