पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह बोले- लघु उद्योगों के लिए दी गई जमीन से अवैध कब्जा हटाकर राजकीय भूमि घोषित करें...
पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह बोले
भरतपुर. वर्षों पहले भरतपुर शहर में लघु उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए हजारों वर्ग मीटर जमीन निशुल्क प्रदान की गई, लेकिन कुछ रसूखदार उसे बेचकर या कब्जाकर प्लॉटिंग करने लगे. करीब 41 हजार वर्ग मीटर जमीन पर अवैध प्लाटिंग कर बिल्डर करोड़ों कमा करे हैं. कई अवैध प्लॉटिंग कर कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं. भूमाफिया की ओर से सरकारी जमीन के दुरुपयोग के मामले को गंभीरता से लेते हुए पर्यटन एवं नागरिक उड्डयन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर (Vishvendra Singh letter to Bharatpur collector) मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं.
इसके साथ ही लघु उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए दी गई निशुल्क जमीन की जांच कर जिस जमीन का प्रयोग नहीं हो रहा है उसे फिर से राजकीय भूमि घोषित करने की बात कही है. पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने जिला कलेक्टर आलोक रंजन को भेजे पत्र में लिखा है कि लघु उद्योग प्रोत्साहन के लिए भरतपुर के रीको औद्योगिक क्षेत्र में पर्फेक्ट पॉटरी उद्योग के लिए 81 हजार वर्ग मीटर भूमि निशुल्क दी गई थी, लेकिन आवंटियों ने अवैध तरीके से करीब 41 हजार वर्ग मीटर भूमि पर प्लॉट काट दिए. शेष भूमि पर भी प्लॉटिंग करने की फिराक में हैं.
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पत्र में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने लिखा कि इसी तरह से डालमिया डेयरी उद्योग के लिए भी सरकार की तरफ से निशुल्क भूमि दी गई थी, लेकिन बीते कई वर्षों से यह डेरी पूरी तरह से बंद है. पत्र में मंत्री ने आशंका जताई कि डालमिया डेयरी की जमीन को भी अवैध तरीके से बेचने की योजना है.
पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कलेक्टर से पत्र के माध्यम से निर्देश दिए हैं कि उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए दी गई सभी सरकारी भूमियों की जांच कराई जाए और जिन जमीनों का उपयोग नहीं हो रहा है या दुरुपयोग किया जा रहा है, उन्हें फिर से राजकीय भूमि में दर्ज किया जाए.
जिला प्रमुख कुंवर जगत सिंह ने पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के पत्र का समर्थन करते हुए अपनी तरफ से भी जिला कलेक्टर को एक पत्र लिखा है. शुक्रवार को जिला परिषद की बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि का यह बहुत बड़ा घोटाला है. उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि इस पूरे घोटाले में मंत्री और कुछ बड़े लोगों का हाथ है. इसकी जांच कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.