राजस्थान में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए इस अभयारण्य में लाई जाएंगी बाघिन
राजस्थान: बाघिन को रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में लाने की कवायद शुरू हो गई है. रणथंभौर से पहले चरण में बाघिनों को रामगढ़ और सरिस्का भेजने की तैयारी है. इसके लिए गुरुवार को वन विभाग की ओर से रणथंभौर की फलोदी, खंडार और आरओपीटी रेंज का दौरा किया गया. इसके बाद विभाग की ओर से आरओपीटी की बाघिन टी-119 को चिन्हित कर तलाश शुरू की गई, लेकिन काफी देर तक बाघिन की तलाश करने के बाद भी वन विभाग की टीम को सफलता नहीं मिल सकी.
फिर टी-133 पर हाथ आजमाया
इसके बाद वन विभाग की टीम खंडार रेंज की ओर रवाना हो गई। वहां युवा बाघिन टी-133 को वन विभाग द्वारा शिफ्टिंग के लिए चिन्हित किया गया था. इसके बाद बाघिन की तलाश शुरू की गई. वन विभाग की टीम को इंदला वन क्षेत्र में बाघिन टी-133 भी दिखी। साइटिंग के बाद वन विभाग की ओर से बाघिन को ट्रैक करने की कोशिश की गई और वन विभाग ने बाघिन को निशाना बनाया, लेकिन बाघिन निशाना बनने से पहले ही भाग गई. ऐसे में वन विभाग को एक बार फिर निराशा हाथ लगी. इसके बाद अंधेरा होने के कारण जंगल शिफ्टिंग का अभियान स्थगित कर दिया गया. और वन विभाग की टीम खाली हाथ जंगल से बाहर आ गई.
आज फिर हो सकता है सर्च ऑपरेशन
अंधेरा होने के कारण गुरुवार को भले ही ऑपरेशन टाल दिया गया हो, लेकिन अब शुक्रवार को बाघिन को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा सकता है. सूत्रों की मानें तो एक-दो दिन के अंदर बाघिन को रामगढ़ अभयारण्य से शिफ्ट किया जा सकता है. गौरतलब है कि पूर्व में एनटीसीए की ओर से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, सरिस्का और मुकुंदरा में एक-एक बाघिन को शिफ्ट करने की अनुमति दी जा चुकी है। रणथम्भौर से बाघिन लाने के प्रयास किये गये। शाम होने के कारण काम बंद करना पड़ा। शुक्रवार को दोबारा प्रयास करेंगे।