Hindu धर्म के ग्रंथ कितने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण हैं की जानकारी युवाओं को कर रही आश्चर्यचकित
Bhilwara। ब्रह्मा सावित्री वेद विद्यापीठ पुष्कर (अजमेर) द्वारा हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान, मुम्बई के नेतृत्व मे आयोजित मेले की स्टाल आगंतुकों के लिए कौतूहल का विषय बनी हुई है। इस स्टाल पर चित्रों और धर्मग्रंथ के माध्यम से प्रमाण सहित यह बताने की कोशिश की गई है कि हिन्दू धर्म के ग्रंथ कितने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से परिपूर्ण हैं और यह जानकारी युवाओं को आश्चर्यचकित कर रही है। श्री ललित धूत ने बताया कि पृथ्वी से सूर्य की दूरी को अमेरिका स्थित नासा सन 2012 में बता रहा है वह बात हमारे धर्मग्रंथ में हजारों साल पहले लिखी गयी है। यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि हमारे ऋषियों और मुनियों का ज्ञान इतने उच्च स्तर का था, जहां आज का आधुनिक विज्ञान अभी तक नही पहुंचा है। फिर भी कोई पाश्चात्य देश जब किसी खोज की घोषणा करता है तो हम उन्हें विद्वान समझते है। आज आवश्यकता है कि हमारी युवा पीढ़ी धर्म ग्रंथों का अध्ययन करे और उनमें से विज्ञान के गुणसूत्र निकाल कर नए नए अविष्कार करें। 9 जनवरी से 12 जनवरी 2025 तक चले इस आध्यात्मिक मेले में सम्पूर्ण भारत से हिन्दू धार्मिक सेवा संस्थानों ने भाग लिया और अपने सेवा संस्थानों द्वारा जनहित में किये जा रहे सेवा कार्यों को प्रदर्शित किया। हजारों की संख्या में दर्शक इस मेले में पधारे। आश्चर्यजनक रूप से इस मेले में युवावर्ग की उपस्थिति बहुतायत में रही और हिन्दू धर्म को विस्तृतरूप से जानने की उनकी लालसा भविष्य के प्रति आशवस्त करती है। ज्ञात हो कि परम पूज्य स्वामीजी श्री गोविंद देव गिरी जी महाराज के मार्गदर्शन तथा आनंद राठी की अध्यक्षता में पुष्कर (अजमेर) स्थित ब्रह्मा सावित्री वेद विद्यापीठ का संचालन सुचारू रूप से हो रहा है। जहां विद्यार्थियों को निःशुल्क आवास, भोजन तथा वेद की शिक्षा के साथ साथ आधुनिक शिक्षा प्रदान की जाती है।