इस बार जन्मदिन पर सचिन पायलट गुट का शक्ति प्रदर्शन, रहेगी गहलोत कैंप की नजर, जानें इनसाइड स्टोरी

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के जन्मदिन पर उनके समर्थक शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में लगे हैं।

Update: 2022-07-30 02:51 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के जन्मदिन पर उनके समर्थक शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारी में लगे हैं। पिछली बार भी सचिन पायलट के समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन किया था। माना जा रहा है कि इस बार राजधानी जयपुर में बड़ा कार्यक्रम होगा। पिछली बार कोरोना गाइडलाइंस की वजह से कार्यक्रम सीमित रखे गए थे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। सचिन पायलट हर वर्ष 7 सितंबर को अपना जन्मदिन मनाते हैं। हर बार अपने पिता के राजनीतिक गढ़ दौसा में में बड़ा कार्यक्रम करते है। इस बार समर्थकों ने बड़े आयोजन की तैयारी की है। माना जा रहा है कि पायलट समर्थक दौसा में एकत्रित होंगे। दौसा स्वर्गीय राजेश पायलट की कर्मस्थली रहा है। यहां पायलट परिवार का एक बड़ा वजूद है। पायलट समर्थक विधायक दौसा में एकत्रित होंगे।

इस बार सभी की निगाहें पायलट के जन्मदिन पर रहेगी
राजस्थान की राजनीति में साल 2018 में पायलट की बगावत के बाद कांग्रेस पार्टी में दो गुट बन गए है। गहलोत गुट और पायलट गुट। दोनों गुटों के नेता एक-दूसरे पर निशाना भी साधते रहे हैं। हालांकि, सुलह के बाद एकजुटता का संदेश दिया जा रहा है, लेकिन खटास बरकरार है। सचिन पायलट गाहें-बगाहे सरकार रिपीट नहीं होने की बात कहकर सीएम गहलोत पर तंज कसते रहे हैं। हाल ही में एक कार्यक्रम में सचिन पायलट ने कहा कि 1998 के बाद राजस्थान में कांग्रेस की सरकार रिपीट नहीं हुई। मैंने कांग्रेस आलाकमान को सुझाव दिए है। कुछ हद तक सुझावों पर अमल किया गया है। लेकिन अभी बहुत करना है। मेरा मकसद 2023 के चुनावों में कांग्रेस वापसी करना है। उल्लेखनीय है कि सीएम गहलोत पहली बार 1998 में प्रचंड बहुमत के साथ सीएम बने थे, लेकिन फिर वापसी नहीं हुई। सीएम गहलोत तीसरी बार सीएम बने है। लेकिन सरकार कभी रिपीट नहीं हुई। पायलट सरकार रिपीट नहीं होने की बात कहकर सीधे तौर पर सीएम गहलोत पर निशाना साध रहे हैं। जबकि राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के लिए डेढ़ साल का समय बचा है।
पिछली बार जुटे थे एक दर्जन से अधिक विधायक
पिछली बार पायलट की जन्मदिन से एक दिन पहले यानी 6 सितंबर को समर्थकों ने हर विधानसभा क्षेत्र में पौधरोपण किया था। सचिन पायलट के पिछले जन्मदिन पर यानि की 2020 में भी कार्यकर्ताओं ने रक्तदान शिविरों का आयोजन कर रिकॉर्ड बनाया था। पिछले साल पूरे प्रदेश में एक दिन में रक्तदान शिविरों के जरिए 45 हजार यूनिट से ज्यादा रक्त एकत्रित किया गया था। कोरोना महामारी की पहली लहर में अस्पतालों में रक्त की कमी को देखते हुए पायलट समर्थकों ने रक्तदान शिविरों का आयोजन किया था। ऐसे में इस साल नया रिकॉर्ड बनाने का दावा किया जा रहा है। पायलट समर्थक इस बार भी बड़ा कार्यक्रम करेंगे। दौसा में पायलट समर्थक एक दर्जन से अधिक विधायक जुटे थे।
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