राजस्थान: निर्वाचन आयोग राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर जुट गया है. इसी प्रक्रिया में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए निर्वाचन आयोग प्रदेश के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को घर से वोट डालने का विकल्प देगा. मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के साथ बैठक कर विभिन्न रणनीतियों पर चर्चा की, उसके बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पत्रकारों को संबोधित किया. प्रवीण गुप्ता ने बताया जिन वोटरों को घर से वोट डालने का विकल्प दिया जा रहा है उनकी संख्या लगभग 18 लाख है. इस बार आधे से अधिक बूथ की वेब कास्टिंग होगी ताकि चुनाव और ज्यादा पारदर्शी हो पाए.
8 महीनों में जोड़े 8 लाख मतदाता
गुप्ता ने कहा जनवरी से अब तक हमनें 8 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम जोड़े हैं. अब राज्य में 5,20,29,217 मतदाता हैं. जिनमें 2,70,70,647 पुरुष एवं 2,48,11,037 महिला मतदाता हैं. नये मतदाताओं में 8256 विशेष योग्यजन, 24726 घुमंतू जातियों एवं 421 ट्रांसजेंडर शामिल हुए हैं.
85 लाख मतदाता पहली बार करेंगे मतदान
विधानसभा चुनाव में 85 लाख मतदाता पहली बार मतदान करेंगे. इन मतदाताओं के प्रशिक्षण के लिए 533 डेमो सेंटर बनाये गए हैं और 228 ईवीएम मोबाइल वैन चलाये जा रहे हैं. अब तक 11.38 लाख मतदाताओं को वोटिंग ल प्रशिक्षण दिया गया है.
नए मतदाताओं को किया जाएगा शामिल
निर्वाचन आयोग पहली बार हर तिमाही में 18 साल पूरा करने वालों को मतदाता सूची में शामिल कर रहा है. 1 अक्टूबर तक जिनकी उम्र 18 साल होगी, उनका नाम मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा. मतदाता सूची में नाम जोड़ने की प्रक्रिया नामांकन दाखिल करने के आखिरी तारीख से दस दिन पूर्व तक हो सकेगी, इसके लिए निर्वाचन आयोग कई कैम्प आयोजित करेगी.
बुजुर्गों को घर से वोट डालने का मौका
राज्य निर्वाचन आयोग 80वर्ष से अधिक उम्र के 12 लाख और 5,96,000 दिव्यांग मतदाताओं को घर से वोट डालने का विकल्प दे रहा है. विधानसभा उपचुनावों में आयोग ने घर से वोट डालने का विकल्प दिया था, उसके परिणामों से उत्साहित होकर आयोग ने पहली बार विधानसभा चुनाव में घर से वोट डालने का विकल्प दिया है.
नजदीक बनेगा मतदान केंद्र
आयोग ने 22000 ऐसे बूथ चिन्हित किये हैं, जहां पिछली बार कम वोटिंग हुई थी. उन बूथों पर विशेष अभियान चलाया जाएगा. राज्य में 569 नये मतदान केंद्र बनाए गए हैं. आयोग ने कोशिश की है कि कोई भी मतदान केंद्र मतदाता से 2 किलोमीटर से ज्यादा दूर न हो. साथ ही किसी मतदान केंद्र पर 1425 से अधिक मतदाता न हों ताकि कतारें छोटी हो.