Barmer बाड़मेर । बाड़मेर जिले में बुधवार से ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर किसान रजिस्ट्री शिविरों की शुरूआत हुई। इस दौरान किसानों ने खासा उत्साह दिखाया। बाड़मेर जिले की आटी ग्राम पंचायत निवासी भाखराराम को पहली फार्मर आईडी जारी की गई।
जिला कलक्टर टीना डाबी ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री अभियान के तहत बुधवार को बाड़मेर तहसील में आटी, धोरीमन्ना में नेड़ी नाडी, गुड़ामालानी में आलपुरा, चौहटन में बावड़ीकला, रामसर में चाडार मदरूप, गडरारोड में तामलोर, शिव में निंबला, सेड़वा में चिचड़ासर, धनाऊ तहसील की रबासर ग्राम पंचायत मुख्यालय पर किसान रजिस्ट्री शिविरों का आयोजन हुआ। उन्होंने बताया कि इस दौरान संबंधित विभागीय अधिकारियों ने निर्धारित प्रक्रिया के तहत किसानों को 11 अंकों की एक विशिष्ट पहचान के तौर पर फार्मर आईडी जारी की। शिविरों में आमजन का राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। इन ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर 7 फरवरी तक शिविरों का आयोजन होगा। बाड़मेर तहसील की आटी ग्राम पंचायत मुख्यालय पर आयोजित शिविर के दौरान किसान भाखराराम को पहली फार्मर आईडी प्रदान की गई। बाड़मेर उपखंड अधिकारी एवं अभियान प्रभारी वीरमाराम ने बताया कि एग्रीस्टैक योजनान्तर्गत बाड़मेर जिले में किसान रजिस्ट्री अभियान का आयोजन 31 मार्च तक किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर प्रातः 9ः30 बजे से सायं 5ः30 बजे तक आयोजित हो रहे शिविरों में किसानों की विशिष्ट किसान आईडी बनाई जाएगी। इन शिविरों में किसान आईडी तैयार करने के साथ विभागीय योजनाओं से किसानों को लाभांवित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि भविष्य में किसानों को सरकारी योजनाओं एवं सेवाओं से लाभांवित करने के लिए फार्मर रजिस्ट्री आईडी उपयोगी साबित होगी।
फार्मर आईडी बनवाने की प्रक्रिया - ग्रामीण निर्धारित तिथि को संबंधित ग्राम पंचायत के शिविर में जाकर अपना फार्मर आईडी बनवा सकते हैं। इसके लिए किसानों को अपना आधार कार्ड, आधार से लिंक्ड मोबाइल नंबर वाला फोन और नवीनतम जमाबंदी लेकर आना होगा। ग्राम पंचायत में शिविर कार्यक्रम की जानकारी www.rjfrc.rajsathan.gov.in पोर्टल पर जाकर प्राप्त की जा सकती है। किसान आईडी डिजिटल सत्यापन योग्य पहचान है, जिसे www.rjfr.agristack.gov.in पोर्टल पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं। फार्मर आईडी जनरेट होने के बाद भूमि संशोधन खसरा जोड़ने या हटाने के लिए पटवारी, भू-अभिलेख निरीक्षक अथवा तहसीलदार से सम्पर्क किया जा सकता है।
फार्मर आईडी बनवाने का फायदा - आगामी समय में राज्य एवं भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ सीधे पात्र किसानों को प्रदान करने के लिए फार्मर आईडी आवश्यक होगी। नामांतरण एवं क्रय-विक्रय पंजीयन की प्रक्रिया में भी फार्मर आईडी आवश्यक होगी। फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्यों एवं अन्य योजनाओं में त्वरित बिना किसी अतिरिक्त दस्तावेज के खरीद एवं फसलों का बीमा संभव हो सकेगा। इसके अतिरिक्त किसान क्रेडिट कार्ड से ऋण आसानी एवं शीघ्रता से मिल सकेगा। किसानों को फसलों के लिए सेवाओं और बाजारों का व्यापक विकल्प मिल सकेगा। किसान अपनी फसलों, मृदा की स्थिति और कृषि-जलवायु परिस्थितियों के अनुसार परामर्श सेवाएं प्राप्त कर सकेंगे।