अलवर में स्कूलों में शिक्षकों की हुई कमी

Update: 2023-07-20 13:24 GMT

अलवर: अलवर राजगढ पंचायत समिति क्षेत्र के अनेक विद्यालयों में अध्यापकों की कमी के चलते शिक्षण व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड रहा है। दूसरी ओर बच्चों का भविष्य भी अंधकार में नजर आता है। सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत तो कर दिया, लेकिन अध्यापक नहीं लगाए गए। यही नहीं क्षेत्र के अनेक विद्यालय बगैर संस्था प्रधान के चल रहे हैं। श्यालुता गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 1 से 12वीं तक कक्षाएं संचालित है तथा 261 विद्यार्थियों का नामांकन है। विद्यालय में प्रधानाचार्य, 3 व्याख्याता एवं द्वितीय ग्रेड के 4 अध्यापकों के पद रिक्त चल रहे हैं। 5 अध्यापक 12 कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढा रहे हैं। इसके अलावा नयांगांव प्रतापपुरा के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 12वीं तक कक्षाएं संचालित हैं तथा 142 विद्यार्थियों का नामांकन हैं। 3 व्याख्याता, द्वितीय ग्रेड के 3 अध्यापक और थर्ड ग्रेड के 4 अध्यापकों के पद रिक्त चल रहे है। यहां भी 5 अध्यापक ही छात्र-छात्राओं को अध्ययन करा रहे है।

मल्लाना गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 12वीं तक कक्षाएं संचालित है तथा 125 विद्यार्थियों का नामांकन है। यहां 3 व्याख्याता, प्रधानाचार्य उप प्रधानाचार्य एवं सैकेण्ड ग्रेड के 2 अध्यापकों के पद रिक्त चल रहे है। 10 अध्यापक वर्तमान में कार्यरत है। गोरधनपुरा गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 12 वीं तक कक्षाएं संचालित है तथा 342 विद्यार्थियों का नामांकन है। उक्त विद्यालय में प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य दो व्याख्याता एवं दो थर्ड ग्रेड के अध्यापकों के पद रिक्त चल रहे है। यहां पर 12 शिक्षक अध्ययन कार्य कराने में लगे हुए हैं। तिलवाड गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 12वीं तक कक्षाएं संचालित है तथा 265 विद्यार्थियों का नामांकन है। उक्त विद्यालय में प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, थर्ड ग्रेड केे 3 एवं 2 व्याख्याता के पद रिक्त चल रहे है। विद्यालय में 9 शिक्षक अध्यापन कार्य करा रहे है।

टोडाजयसिंहपुरा गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 12वीं तक कक्षाएं संचालित है तथा 376 विद्यार्थियों का नामांकन है। उक्त विद्यालय में सैकेण्ड ग्रेड के 4 व एक व्याख्याता का पद रिक्त चल रहा है। इस विद्यालय मात्र 6 अध्यापक ही लगे हुए है। वहीं दूसरी ओर लाकी गांव के राजकीय प्राथमिक विद्यालय कक्षा 5वीं तक संचालित है तथा 51 विद्यार्थियों का नामांकन है। उक्त विद्यालय में मात्र 2 ही अध्यापक लगे हुए है। विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के चलते छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है। इस मामले में संबंधित अधिकारियों से संपर्क का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं हो पाई।

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