कोटा: दक्षिण निगम बनने के बाद जिन वार्डों की देखरेख का जिम्मा यूआईटी को सौंपा गया था उनमें एक वार्ड नम्बर 30 भी है। कहने को तो वार्ड में करीब एक करोड़ रूपए के विकास कार्य हो चुके हैं लेकिन आज भी कई समस्याएं ऐसी हंै जो लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई हैं। कुछ स्थानों पर सीसी सड़कें जरूर बनी है लेकिन वार्ड के कई हिस्सों की सड़कों के किनारे उधड़े पड़े हैं जिससे लोगों को दिनभर धूल मिट्टी के गुबारों का सामना करना पड़ता हैं। क्षेत्र में एक बड़ा नाला है जिसकी मरम्मत बरसों से नहीं हुई है। जिसे लेकर वार्डवासी निगम और यूआईटी दोनों में शिकायत दे चुके हैं। वार्ड में आरकेपुरम-ए, मेडिकल कॉलेज, बालाजी मार्केट तथा आधा श्रीनाथपुरम-ए आदि इलाकें आते हैं। इन इलाकों के कुछ लोगों का कहना है कि पार्षद ने कुछ स्थानों पर सीसी रोड बनवाए हैं। नई नालियां बनवाई हैं और पुरानी की मरम्मत भी करवाई हैं। रोड लाइट के हालात पहले से ठीक हुए हैं। वार्ड में पीने के पानी के प्रेशर की समस्या अभी भले ही नहीं है लेकिन अगले माह से ही पीने के पानी की समस्या प्रारम्भ हो जाएगी। पार्कों के हालात कुछ सुधरे है लेकिन अभी भी काफी सुधार की आवश्यकता है।
वार्डवासी बताते हैं कि रोड भले ही नये बने हो लेकिन साफ-सफाई नहीं होने के कारण दिनभर धूल उड़ती रहती हैं। कई हिस्सों में कचरा उठाने के लिए टिपर रोजाना नहीं आते, इससे सड़क किनारे कचरा पड़ा रहता है जो हवा के साथ उड़कर सड़कों पर फैलता रहता है। वार्ड में आने पार्कों में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। लोग तेज स्पीड से गाड़ी चलाते हैं लेकिन उनको रोकने टोकने वाला कोई नहीं है। लोगों का कहना है कि वार्ड की गलियों में बड़े-बड़े श्वान घूमते रहते हैं। आवारा मवेशी डेरा जमाए बैठे रहते हैं जो कई बार दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं।वार्ड के कुछ लोगों ने बताया कि वार्ड पार्षद ठीक काम करवा रहे हैं। किसी भी समस्या के लिए उनको फोन करो तो आ जाते है या उस समस्या का समाधान करवा देते है। पार्षद वार्ड में नियमित रूप से समय देते है। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता है।
कचरे के लिए टिपर समय पर आते है लेकिन अगर लोग बजाए उसके सड़कों पर कचरा फैके तो कोई क्या करेगा। कई स्थानों पर पानी के प्रेशर की समस्या जरूर है लेकिन नया प्लांट शुरू होने के बाद वो भी समाप्त हो जाएगी। फिलहाल वार्ड में ऐसी कोई बड़ी समस्या नहीं है जो परेशानी पैदा कर रही हो। छोटी-मोटी समस्याएं चलती रहती है, उनका समाधान भी करवा दिया जाता है। वार्ड पार्षद का कहना है कि वार्ड में कई हिस्सों में सीसी रोड बनवाई गई हैं। लोगों की हर समस्या के समाधान के लिए उपलब्ध रहता हंू। कोई भी आए कभी काम के लिए मना नहीं करता हूं। वार्ड में श्वानों की समस्या है लेकिन इनको पकड़कर ले जाने के आदेश है। वार्ड में सड़कों के अलावा क्रास भी बनवाए हैं।
इनका कहना है
वार्ड में विकास के लिए 1 करोड़ रूपए स्वीकृत हुए थे। नई नालियां बनवा दी गई हैं। वार्ड में दो-तीन स्थानों पर सीसी सड़क बनवानी है। पार्कों के जीर्णोद्धार का कार्य जल्द ही शुरू हो जाएगा। वार्ड में यूआईटी, सार्वजनिक निर्माण विभाग और निगम की ओर से कार्य करवाए गए है।
-मोहनलाल नंदवाना, वार्ड पार्षद।
सफाई व्यवस्था सही नहीं है। समय पर नालियां साफ नहीं होती है। गैस पाइप लाइन के लिए सड़कों के किनारे खोद तो दिए लेकिन ठीक नहीं करवाए गए है। पीने के पानी का पे्रशर सही नहीं है। सर्दी में तो फिर भी काम चल जाता है लेकिन गर्मियों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई स्थानों पर रोड लाइट ठीक नहीं है। लोगों ने चौराहों पर अतिक्रमण किए हुए हैं जिन्हे रोकने वाला कोई नहीं है।
-अशोक यादव, वार्डवासी।
वार्ड के पार्कों में देर रात लोगों का जमावड़ा लगा रहता है। रोड लाइट 60 प्रतिशत ही ठीक है। वार्ड में नालियों का निर्माण प्रोपर तरीके से नहीं हुआ है। भैरूलाल काला बादल सामुदायिक भवन में कार्यक्रम करने पर यूआईटी पैसा तो पूरा लेती है लेकिन कचरा फैकने की कोई व्यवस्था नहीं है। कई जगहों पर तो दोनों समय सफाई होती है तो कुछ स्थानों पर नियमित साफ-सफाई ही नहीं होती है।
-विभाकर जोशी, वार्डवासी।
दूसरी जगहों पर भले रोड बन गए है लेकिन मेरी तरफ रोड नहीं बना है। वार्ड में श् वानों का आतंक है। साफ-सफाई टाइम पर हो जाती है लेकिन वार्ड के नाले की मरम्मत बीते 25 सालों से नहीं हुई है। पार्षद का कार्यकाल ठीकठाक है।
-गिरीराज गौतम, वार्डवासी