ईको टूरिज्म के लिए बनी सुरक्षा दीवार का काम अधूरा छोड़ा, आमजन परेशान

Update: 2023-04-28 18:36 GMT
बूंदी। बूंदी बजट के अभाव में बायपास रोड की घाटी के सौंदर्यीकरण पर ब्रेक लगा है। ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यहां 87 लाख रुपये के कार्य होने हैं। बाइपास पहाड़ी से सटी सुरक्षा दीवार बनाने का काम वन विभाग द्वारा किया जा रहा था। लेकिन डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी जब बजट नहीं आया तो दीवार को आधा-अधूरा छोड़कर ठेकेदार ने काम बंद कर दिया। अब वन विभाग द्वारा जिलाधिकारी पर्यटन विभाग, सीसीएफ, पीसीसीएफ को पत्र लिखकर बजट की मांग की जा रही है। वर्ष 2022-23 में मुख्यमंत्री की बजट घोषणा में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए दो स्थानों का विकास किया जाना था।
इसके तहत वन विभाग द्वारा बाइपास सड़क का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। यहां होने वाले विभिन्न कार्यों पर करीब 87 लाख रुपये खर्च होने हैं, लेकिन बजट नहीं होने के कारण सौंदर्यीकरण का काम अधर में है. बाईपास रोड पहाड़ी के सहारे 2200 मीटर दीवार बनाई जानी है। डेढ़ माह में 1500 मीटर दीवार का निर्माण किया गया है। चार फीट ऊंची दीवार के सहारे रंग-बिरंगे फूल लगाए जाने हैं, ताकि पर्यटकों को बायपास रोड की घाटी फूलों से गुलजार नजर आए। यहां विभिन्न किस्मों के 1000 से ज्यादा पौधे लगाए जाने हैं। बजट के अभाव में पूरी योजना अधर में लटक गई है।
इसी तरह नवलसागर झील से मोर्दी की छतरी तक 200 मीटर से ज्यादा लंबा ईको ट्रेल बनाया जाना है, ताकि पर्यटकों को छत्री तक पहुंचने में आसानी हो। इस पहाड़ी से बूंदी का बेहतरीन नजारा दिखाई देता है, लेकिन जाने के लिए रास्ता नहीं होने के कारण पर्यटक पहाड़ी पर चढ़ना पसंद नहीं करते। इको ट्रेल के रास्ते में एक झोपड़ी भी बनाई जानी है, जिसमें पर्यटक बेंचों पर बैठ सकेंगे। बायपास रोड पर आने वाले सैलानी बूंदी का नजारा देखने आते हैं और यहां फैली गंदगी से शहर की छवि धूमिल होती है। बाईपास से शहर के साथ नवलसागर झील और झील के पानी में गढ़ महल और महल का प्रतिबिंब दिखाई देता है। ऐसे में पर्यटकों को एक बेहतरीन व्यू प्वाइंट मिलता है, इस लिहाज से इसे विकसित किया जा रहा है।
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