जयसमंद झील से उदयपुर तक नई पाइप लाइन का काम 9 महीने में महज 25 फीसदी हो पाया
जयसमंद झील से उदयपुर तक नई पाइप लाइन का काम 9 महीने में महज 25 फीसदी हो पाया है। फिलहाल कुछ जगह पिलर बनाने के साथ पुरानी लाइन के पास ही नए पाइप डाले जा रहे हैं। जानकारों के मुताबिक काम पूरा होने में अब कम से कम दो साल लगेंगे।
क्योंकि पाइप लाइन की लंबाई 55 किलोमीटर है। सितंबर-2022 में शुरुआत के समय प्रोजेक्ट की डेडलाइन 30 महीने यानी मार्च-2025 तक थी, लेकिन ग्रामीणों के विराेध के चलते 2 महीने तक काम रुका रहा। इसने अब वापस रफ्तार पकड़ ली है।
लाइन बिछने के बाद पाइपों को आपस में जोड़ा जाएगा, फिर सप्लाई शुरू करेंगे। इसके बाद पुरानी लाइन से सप्लाई बंद कर देंगे। यह सब जून-2025 तक हो पाएगा। नई पाइप लाइन की उम्र 30 साल होगी। बता दें कि मौजूदा लाइन 1996 में डाली गई थी। नियमानुसार पाइप लाइन की उम्र 25 से 30 साल मानी जाती है।
पुरानी लाइन 600, यह 900 एमएम की, बढ़ती मांग पूरा करेगी
प्रोजेक्ट के एक्सईएन मुकेश कुमार मोड़ ने बताया कि सबसे पहले डाया बांध में रॉ वाटर रिजर्वर सिस्टम बनेगा। यानी पानी को वहां एकत्र करेंगे। वहां से इसे तीतरड़ी स्थित ट्रीटमेंट प्लांट तक लाएंगे। यहां ट्रीटमेंट के बाद इसका वितरण किया जाएगा। पुराने पाइप 600 एमएम के थे। नए 900 एमएम के हैं। आने वाले समय में मांग बढ़ती भी है तो नई लाइन से पानी लाने में दिक्कत नहीं होगी। मौजूदा पाइप लाइन से करीब 22 एमएलडी सप्लाई की क्षमता है।
215 करोड़ का प्राेजेक्ट : प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार ने 215 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। पहले चरण में 164.57 करोड़ रुपए की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी की गई है। अभी यही काम चल रहा हैं। काम कर रहे फर्म के सूत्रों का कहना है कि पिछले साल ग्रामीणों के विरोध से नवंबर तक काम बंद रहा था। ग्रामीणों को आशंका था कि बड़ी लाइन से झील खाली हो जाएगी और उनके लिए पानी नहीं बचेगा।