जलदाय विभाग ने मलबा सड़क पर छोड़ा, धूल-मिट्टी से दुकानों में रखे उपकरण हुए खराब
बारां न्यूज़: शहर में लम्बे समय से कई जगह पेयजल की नई पाइप लाइन बिछाने का कार्य चल रहा है, लेकिन जलदाय विभाग की गैरजिम्मेदारी व अनदेखी के कारण ठेकेदार द्वारा मलबा सड़क पर छोड़ दिया जाता है। जिससे क्षेत्रवासी व वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई जगह तो पाइप लाइन डालने के महिनों बाद तक मलबा नहीं उठाया जाता। तो कहीं काटे गए व खोदे गए रोड की मरम्मत तक नहीं कराई जाती। यही हाल अस्पताल रोड पर सार्वजनिक धर्मादा धर्मशाला की गली का है। यहां दीपावली के एनवक्त पर रोड खोदकर पाइपलाइन डाली गई। जिसका मलबा कई बार शिकायत करने पर 2 माह बीते जाने के बाद दिसम्बर माह के अंत में उठाया गया और रोड की मरम्मत की गई। भरे सीजन में दुकानदारों ने धूल मिट्टी के बीच कारोबार किया। धूल-मिट्टी से दुकानों में रखे उपकरण खराब हो गए। इस गली में दुकानदारों की समस्या अब भी खत्म नहीं हुई। व्यवसायी जिनेश पाटनी, प्रशांत जैन, नरेश प्रजापति आदि ने बताया कि रोड की मरम्मत के लिए निकाली गई मिट्टी कस्तर के मलबे का दुकानों के सहारे-सहारे ढेर लगा दिया। जिससे वाहनों के साथ उड़ती धूल-मिट्ी के कारण दुकानदारों व राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मलबा सड़क पर फैल जाता है। रोजाना उस पर पानी छिड़कना पड़ता है। लेकिन यह ज्यादा समय नहीं रहता है और दिनभर समस्या बनी रहती है।
दुकानदारों को वाहन खड़े करने में भी आ रही दिक्कत:
कोटा रोड से अस्पताल का लिंक होने के कारण इस दिनभर वाहनों का दबाव बना रहता है। दुकानदारों को अपने वाहन तक खड़े करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ है। इसी गली में धर्मादा संस्था का जांच केंद्र है। जिसमें जांच कराने वालों के वाहन भी काफी संख्या में सड़क के दोनों किनारों पर खड़े किए जाते हैं। ऐसे में मलबा और दुपहिया वाहनों के कारण रास्ता संकरा हो जाता है। सुबह से दोपहर बाद तक कई बार वाहन फंसते रहते हैं। क्षेत्रवासियों ने मलबा उठवाने के लिए जलदाय विभाग के अधिकारियों को दो-तीन बार अवगत कराया। लेकिन आश्वासन देकर टालमटोल कर देते हैं।
रोड की मरम्मत के लिए निकाली गई मिट्टी कस्तर के मलबे का दुकानों के सहारे-सहारे ढेर लगा दिया। जिससे हमें परेशानी आ रही है।
- प्रदीप सोनी, व्यवसायी।
वाहनों के साथ उड़ती धूल-मिट्ी के कारण दुकानदारों व राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
- जयप्रकाश सेन, दुकानदार।
इसके बारे में ठेकेदार से बोल दिया था। उसने मलबा क्यों नहीं उठवाया, लापरवाही है। उसे फिर से कहता हूं।
-प्रमोद झालानी, एक्सईएन, पीएचईडी बारां