'पूर्वी राजस्थान के हालात बुंदेलखंड जैसे हो जाएंगे', गहलोत ने कहा- जलशक्ति मंत्री के सवाल ERCP पर बेबुनियाद

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच एक बार फिर जुबानी जंग शुरू हो गई है.

Update: 2022-05-01 05:15 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (gajendra singh shekhawat) के बीच एक बार फिर जुबानी जंग शुरू हो गई है. ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (eastern rajasthan canal project) को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर शेखावत पर हमला बोला है. शेखावत के परियोजना की डीपीआर को लेकर दिए गए बयान पर गहलोत ने पलटवार करते हुए कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना घोषित करने में किसी भी तरह की अड़चन नहीं है. गहलोत (cm ashok gehlot) के मुताबिक परियोजना की डीपीआर तत्कालीन बीजेपी सरकार ने साल 2017 में केंद्र सरकार के उपक्रम वेप्कोस लिमिटेड के जरिए तैयार करवाई थी और वेप्कोस लिमिटेड जल परियोजनाओं के क्षेत्र की एक अंतरर्राष्ट्रीय कंसलटेंसी संस्था है. गहलोत ने आगे कहा कि परियोजना की डीपीआर तत्कालीन राजस्थान रिवर बेसिन ऑथिरिटी के चैयरमेन श्रीराम वेदिरे के निर्देशन में तैयार हुई है जो वर्तमान में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय में सलाहकार हैं.

बता दें कि हाल में जयपुर में जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक के दौरान शेखावत ने कहा था कि प्रदेश सरकार ने ईआरसीपी को लेकर जो प्रोजेक्ट तैयार किया है, उसकी डीपीआर तक पास नहीं हुई है और प्रोजेक्ट भी नियमों के तहत नहीं है, ऐसे में केंद्र सरकार उसे राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा कैसे दे सकती है?
बुंदेलखंड जैसी हो जाएगी राज्य की हालत !
गहलोत ने कहा कि ईआरसीपी को लेकर सभी मापदंड केंद्रीय जल आयोग की गाइडलाइंस के अनुसार ही बनाए गए हैं. गहलोत ने जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक को लेकर कहा कि मंत्री के प्रस्तावित मापदण्डों में परिवर्तन से पूर्वी राजस्थान के किसानों को सिंचाई का पानी नहीं मिलेगा. गहलोत के मुताबिक पूर्वी राजस्थान में 2 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में मिलने वाली सिंचाई सुविधा से किसानों को वंचित नहीं किया जा सकता है.
गहलोत ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि अगर केन्द्र सरकार की बात मानी तो पूर्वी राजस्थान का हाल बुन्देलखण्ड जैसा हो सकता है जहां 13 जिलों के किसानों की भूमि प्यासी रह जाएगी. बता दें कि राजस्थान एक मरुस्थलीय प्रदेश है जहां बारिश भी कम होती है और एक भी बारहमासी नदी नहीं है.
ईआरसीपी को लेकर गंभीर नहीं है बीजेपी सांसद
गहलोत ने आगे कहा कि केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री ने जयपुर में जल जीवन मिशन के लिए बैठक बुलाई जिसमें प्रदेश के सभी सांसदों को बुलाया गया, मैंने इस बैठक से पहले सभी सांसदों से अपील करते हुए कहा था कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ERCP) के 13 जिलों के 10 सांसदों की ओर जनता आशा भरी नजरों से देख रही है और प्रधानमंत्री ने खुद इसे राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा देने का आश्वासन अजमेर और जयपुर में दो बार दिया था
गहलोत ने कहा कि इस तरह की अहम पूर्व निर्धारित बैठक में भी 8 बीजेपी सांसदों का अनुपस्थित रहना यह दर्शाता है कि बीजेपी के सांसद ERCP और जल जीवन मिशन को लेकर गंभीर नहीं है.
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