प्रदेश भर के राजकीय पुस्तकालयों में लागू होगा सलूम्बर मॉडल भाषा एवं पुस्तकालय विभाग की विशेषाधिकारी ने जारी किए आदेश

Update: 2023-07-21 13:50 GMT
प्रदेश भर के राजकीय पुस्तकालयों में अब सलूम्बर जिला पुस्तकालय मॉडल लागू होगा। इसके तहत अवकाश के दिन भी पुस्तकालय विद्यार्थियों की कमेटी के माध्यम से संचालित होगा। इस संबंध में भाषा एवं पुस्तकालय विभाग की विशेषाधिकारी डॉ पूनम गुप्ता ने सलूंबर मॉडल का अनुकरण करने के लिए प्रदेश के सभी राज्य केंद्रीय, मंडल, जिला एवं पूर्णकालिक पंचायत समिति पुस्तकालयाध्यक्षों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
नवसृजित सलूम्बर जिले में स्थित सार्वजनिक जिला पुस्तकालय में भौतिक संसाधन तथा प्रतियोगी परीक्षार्थियों को अध्ययन के लिए समय बढाने को लेकर उपखण्ड अधिकारी सुरेंद्र बी पाटीदार की पहल और पुस्तकालय अध्यक्ष प्रकाश शर्मा के प्रयासों से की गई व्यवस्थाओं की राज्य स्तर पर प्रशंसा की गई थी। विभागीय समीक्षा बैठक में सलूम्बर मॉडल को अन्य पुस्तकालयों में लागू करने को लेकर रिपोर्ट मंगवाई गई थी। रिपोर्ट के अध्ययन के उपरान्त विभाग ने इस मॉडल को पाठक और प्रतियोगी परीक्षार्थियों के हित में मानते हुए इसे पूरे राज्य में लागू करने के निर्देश जारी कर दिए है।
यह है सलूम्बर मॉडल
सलूम्बर जिला पुस्तकालय में सुविधाओं की कमी तथा अवकाश के दिन अध्ययन में आ रही समस्याओं को लेकर विद्यार्थियों ने उपखण्ड अधिकारी पाटीदार को समस्या से अवगत कराया था। उपखण्ड अधिकारी की पहल पर पुस्तकालय अध्यक्ष शर्मा ने भामाशाहों के सहयोग से पुस्तकालय में फर्नीचर आदि की सुविधा जुटाई। वहीं पुस्तकालय में नियमित रूप से अध्ययन के लिए आने वाले विद्यार्थियों में से ही उपखण्ड अधिकारी की देखरेख में 5 छात्र एवं 5 छात्राओं की समितियां गठित की। अवकाश के दिन पुस्तकालय संचालन की समस्त जिम्मेदारी इन समितियों को सौंपी गई, इसके लिए बकायदा समिति सदस्यों से भारतीय गैर न्यायिक स्टाम्प पर शपथ-पत्र लिए गए। अवकाश के दिन पुस्तकालय का केवल अध्ययन कक्ष खोला जाता है, जहां विद्यार्थी स्वयं की पाठ्य सामग्री से अध्ययन कर सकते हैं। पेयजल, बिजली और शौचालय की सुविधा उपलब्ध रहती है। पुस्तकालय से किसी भी प्रकार की पुस्तक अथवा पत्र-पत्रिकाएं जारी करने की सुविधा नहीं रहती है।
भाषा एवं पुस्तकालय विभाग ने सलूम्बर मॉडल को स्वीकार करते हुए उसे पूरे प्रदेश के राजकीय पुस्तकालयों में लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं, ताकि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों को अध्ययन के लिए अधिक समय उपलब्ध हो सके।
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