कोटा। कोटा राणाप्रताप सागर पन बिजलीघर की दूसरी इकाई को नया जीवनदान देने के लिए बदले जाने वाले भारी रोटर को रावतभाटा लाने से पहले समरब्रिज का निर्माण आवश्यक हो गया है। रोटर को बांध से होकर नहीं ले जाया जा सकता है, इसलिए अब समर ब्रिज निर्माण तक पन बिजलीघर की दूसरी इकाई का कार्य शुरू होने में करीब दो माह का समय लगेगा। गौरतलब है कि समरब्रिज के पुन:निर्माण का कार्य राजस्थान परमाणु बिजलीघर के सामाजिक सरोकार कार्य के तहत होना है। 15 अक्टूबर के बाद निविदा प्रक्रिया पूरी होगी और उसके बाद कार्य आदेश जारी हो पाएगा।
राणा प्रताप सागर पन बिजलीघर की 43-43 मेगावाट की चारों इकाइयां सितंबर 2019 को राणा प्रताप सागर बांध के सभी 17 गेट खोले जाने के बाद पानी भर जाने से ठप हो गई थी। तीन इकाइयों को राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने शुरू कर दिया। इकाई दो की मरम्मत का कार्य चल रहा है। इसका रोटर बदला जाना है और इस इकाई को नया जीवन दिया जाना है। इस इकाई के उपकरण भी सारे नए आएंगे। इकाई को नया जीवन देने पर विद्युत उत्पादन निगम की ओर से लगभग 40 करोड रुपए की राशि खर्च की जा रही है।
पन बिजली घर की इकाई को नया जीवन देने के कार्य के लिए निर्णय लेने में ही 4 साल का समय गुजर गया। स्थानीय स्तर पर इकाई को मरम्मत करने का प्रयास किया गया लेकिन यह प्रयास सफल नहीं हुए और इसका जीर्णोद्धार करने का निर्णय लिया। जो लंबी प्रक्रिया के बाद कार्य रूप ले पाया। इससे पूर्व 29 दिसंबर 2021 को पहली यूनिट, जून 2022 में तीसरी इकाई और सबसे जटिल प्रक्रिया में इकाई 4 थी। अक्टूबर 2022 में इसका कार्य शुरू किया गया जो 21 जनवरी 2023 को सफलतापूर्वक इकाई को सिंक्रोनाइज कर विद्युत उत्पादन प्रारंभ किया गया।राजस्थान परमाणु बिजली घर की ओर से समर ब्रिज का कार्य सामाजिक सरोकार में कराया जाएगा। इस पर एक करोड़ 20 लाख से ज्यादा की लागत आएगी। राजस्थान परमाणु बिजलीघर की आवासीय कॉलोनी कॉलोनी विक्रम नगर में है, अधिकारी कर्मचारी वहां रहते है। बांध के गेट बदलने के दौरान बांध से मार्ग बंद हो जाएगा। इसको देखते हुए परमाणु बिजली घर की ओर से सामाजिक सरोकारों में समर ब्रिज की मरम्मत का कार्य कराया जा रहा है।